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Trump impeachment trial : ट्रंप पर चल रहे महाभियोग पर आखिर सीनेट में लंबी प्रकिया क्‍यों नहीं चाहते बाइडन, जानें 3 बड़े कारण

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने सीनेट में अपने डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्‍यों से आग्रह किया है कि पूर्व राष्‍ट्रपति ट्रंप के महाभियोग की सुनवाई को उच्‍च सदन में छोटा रखे। आखिर बाइडन के आग्रह के पीछे की क्‍या है बड़ी वजह।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 05:45 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 06:58 AM (IST)
Trump impeachment trial : ट्रंप पर चल रहे महाभियोग पर आखिर सीनेट में लंबी प्रकिया क्‍यों नहीं चाहते बाइडन, जानें 3 बड़े कारण
ट्रंप के महाभियोग के खिलाफ आखिर सीनेट में लंबी प्रकिया क्‍यों नहीं चाहते बाइडन। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई के एक सप्‍ताह शेष हैं। इस बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने सीनेट में अपने डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्‍यों से आग्रह किया है कि पूर्व राष्‍ट्रपति ट्रंप के महाभियोग की सुनवाई को उच्‍च सदन में छोटा रखे। आखिर बाइडन के आग्रह के पीछे की क्‍या है बड़ी वजह। बाइडन की क्‍या है राजनीतिक रणनीति। आइए जानते हैं कि राजनीतिक सलाहकार उनके इस कथन को क‍िस रूप में लेते हैं।

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कारण-1

प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि दरअसल, अमेरिका में पूर्व राष्‍ट्रपति ट्रंप की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बाइडन यह कतई नहीं चाहते कि देश में महाभियोग के चलते देश में विभाजन या अलगाव की प्रवृत्ति बढ़े। अमेरिका में गत वर्ष हुए नस्‍लीय हिंसा के बाद अमेरिका में अलगाव की घटना तेजी से बढ़ी है। ऐसे में पूरे अमेरिका को एकजुट करना उनकी पहली प्राथमिकता है। बाइडन यह जानते हैं कि ट्रंप पर महाभियोग की प्रक्रिया अगर लंबी चली तो इससे देश का राजनीतिक माहौल भी गड़बड़ हो सकता है। यह अमेरिकी की कानून व्‍यवस्‍था के लिए ठीक नहीं होगा। इसके चलते कोई नया संघर्ष उत्‍पन्‍न हो सकता है। इसलिए उन्‍होंने अपने साथियों से इसके अवधि छोटा रखने की अपील की है।

कारण-2

प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति बाइडन यह सोच रहे होंगे कि यदि सीनेट में महाभियोग की प्रक्रिया लंबी चली तो उनके दूसरे एजेंडे पीछे हो सकते हैं। इसलिए वह महाभियोग को अपना एजेंडा नहीं बनाना चाहते हैं। कोरोना महामारी के बाद अमेरिका को विश्‍व के नंबर वन की श्रेणी में पुन: वापस लाने की उनकी ललक जरूरी होगी। ऐसे में वह अपना और सीनेट का समय महाभियोग में नहीं बेकार करना चाहते हैं। दूसरे, बाइडन यह जानते हैं कि सीनेट में दोनों राजनीतिक दलों की बराबर की संख्‍या है। अगर महाभियोग की प्रक्रिया लंबी चली तो रिपब्लिकन और डेमाक्रेटिक पार्टी के नेताओं के बीच तनावपूर्ण वातावरण उत्‍पन्‍न होगा। बतौर राष्‍ट्रपति बाइडन के बहुत सारे कानूनों को पारित कराने के लिए सीनेट में रिपब्लिकन के सहयोग की जरूरत होगी। इसलिए वह सीनेट में ट्रंप के पक्ष वाले रिपब्लिकन को नाराज नहीं करना चाहते।

कारण-3

महाभियोग का प्रस्‍ताव सीनेट में जाने के बाद राष्‍ट्रपति बाइडन को यह अनुमान लग गया कि उच्‍च सदन में यह कतई पास नहीं होगा। इसके पूर्व बाइडन को यह विश्‍वास था कि ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्‍यों का उनको समर्थन मिलेगा। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्‍यों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लगाने के पक्ष में महज पांच ने पक्ष में मत दिया, इससे बाइडन जरूर निराश हुए होंगे। रिपब्लिकन पार्टी के नए रुख से बाइडन अब महाभियोग की सफलता पर संदेह कर रहे हैं। इसलिए वह सीनेट के बहुमत के साथ रहना चाह रहे हैं। दूसरे, उनके इस कदम से सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी की किरकिरी होने से बचा ले जाएंगे। 


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