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'UN क्यों बलूचिस्तान को मुक्त करने के लिए पाकिस्तान को बाध्य करने में विफल रहा'

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र से पूछना चाहते हैं कि वह अनुच्छेद-2 की धारा-4 को लागू करने में विफल क्यों रही है?

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 10:18 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 10:21 AM (IST)
'UN क्यों बलूचिस्तान को मुक्त करने के लिए पाकिस्तान को बाध्य करने में विफल रहा'
'UN क्यों बलूचिस्तान को मुक्त करने के लिए पाकिस्तान को बाध्य करने में विफल रहा'

न्‍यूयॉर्क, एएनआइ। पाकिस्‍तान से बलूचिस्‍तान की आजादी के लिए लोग संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। बलूचिस्‍तान के प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय नियमों के अनुसार पाकिस्‍तान से आजादी दिलाई जाए।

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यूएन मुख्‍यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा, 'पाकिस्‍तान द्वारा पिछले 72 साल से बलूचिस्‍तान के लोगों का शोषण किया जा रहा है। हम संयुक्त राष्ट्र से पूछना चाहते हैं कि वह अनुच्छेद-2 की धारा-4 को लागू करने में विफल क्यों रही है? इस अनुच्‍छेद के आधार पर बलूचिस्तान को मुक्त करने के लिए पाकिस्तान को बाध्य क्‍यों नहीं किया जा रहा? संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार कोई भी देश किसी दूसरे कमजोर देश को जीतकर उस पर शासन नहीं कर सकता है। लेकिन पाकिस्तान 72 वर्षों से इस नियम का उल्लंघन कर रहा है।'

पिछले दिनों जिनेवा में बलूच कार्यकर्ता मामा कदीर ने कहा था कि सीपीइसी (चीन-पाकिस्‍तान आर्थिक गलियारे) का विरोध करने पर बलूचिस्‍तान के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि वह पाकिस्‍तान से बलूचिस्‍तान को अलग करने की मांग कर रहे हैं, क्‍योंकि पाकिस्‍तान संसाधनों के लिए बलूचिस्‍तान पर निर्भर है। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर में लेक्चरर डॉ पॉल स्टॉट ने जिनेवा में कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादी के लिए पनाहगाह रहा है। यहां आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने या कुछ हद तक समर्थन भी मिलता है। काफी लंबे समय से ऐसा ही देखने को मिल रहा है। मुझे लगता है कि इमरान खान के नए प्रशासन में भी किसी बदलाव के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।


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