Move to Jagran APP

COVID-19 से मरने वालों में आखिर अफ्रीकन अमेरिकन ज्‍यादा क्‍यों, क्‍या है इसके पीछे की वजह

अमेरिका में वर्तमान में भी काले और गोरे लोगों के बीच भेदभाव किया जाता है। यही वजह है कि यहां पर कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों में यही अफ्रीकन अमेरिकन ज्‍यादा हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 10:39 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 07:24 AM (IST)
COVID-19 से मरने वालों में आखिर अफ्रीकन अमेरिकन ज्‍यादा क्‍यों, क्‍या है इसके पीछे की वजह
COVID-19 से मरने वालों में आखिर अफ्रीकन अमेरिकन ज्‍यादा क्‍यों, क्‍या है इसके पीछे की वजह

वाशिंगटन। कोरोना वायरस यूं तो किसी का धर्म, जाति या दूसरा कोई भेद करके इंसानों पर हमला नहीं कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका में इससे हुई मौतों पर एक सवाल जरूर खड़ा हो रहा है। ये सवाल है कि इसकी वजह से मरने वालों में ज्‍यादातर अफ्रीकन अमेरिकन ही क्‍यों हैं? ये सवाल अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है, लेकिन जानकारों के पास इसका जो जवाब है वो इससे भी अधिक हैरान और परेशान करने वाला है। समाचार एजेंसी एएफपी की मानें तो इनकी माली हालत बेहद खराब है। इसके अलावा इनके साथ स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के नाम पर भेदभाव किया जाता है। इतना ही नहीं, यदि कोई व्‍यक्ति अपनी जॉब के दौरान छुट्टी पर चला जाता है तो उन्‍हें दोबारा काम पर नहीं रखा जाता है।

loksabha election banner

एजेंसी ने सीबीसी न्‍यूज के हवाले से कहा है कि देश के टॉप सर्जन जरनल जेरोम एडम मानते हैं कि ये लोग ज्‍यादातर डायबिटीज, फेफडों और दिल की बीमारी के शिकार होते हैं। उनके मुताबिक, इन बीमारियों का भी ताल्‍लुक इनकी गरीबी और इनके साथ होने वाले भेदभाव से ही है। आपको बता दें कि एडम खुद अफ्रीकन हैं और ब्‍लड प्रेशर और अस्‍थमा से पीडि़त हैं।

उनका मानना है कि वो अमेरिका में रह रहे गरीब और काले लोगों की बढ़ती विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वो ये भी मानते हैं कि उनकी तरह दूसरे अफ्रीकन अमेरिकन को भी कोविड-19 से सबसे अधिक खतरा है। उनके मुताबिक, अब तक इस बात की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्‍ध नहीं हैं ,लेकिन कोविड-19 की वजह से जितनी मौत अब तक हुई हैं उनमें अफ्रीकन अमेरिकन अधिक हैं। उनके मुताबिक, शिकागो में मरने वालों में करीब 68 फीसद अफ्रीकन अमेरिकन हैं। ये अफ्रीकन अमेरिकन इस शहर की आबादी का करीब 30 फीसद हैं।

मेयर लॉरी लाइटफुट ने कोरोना वायरस को लेकर हुई एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि ये हम सभी के लिए एक्‍शन लेने का समय है। जो कुछ शिकागो में दिखाई दिया है वो नॉर्थ कैरोलिना, लुसियाना, मिशिगन, विसकॉन्सिन और वाशिंगटन में भी सामने आया हे। अमेरिकन पब्लिक हेल्‍थ एसोसिएशन के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर जॉर्ज बेंजामिन ने एएफपी से बातचीत में कहा कि देश के अफ्रीकन अमेरिकन लोग जिस तरह के काम में लगे हुए हैं उनमें इन्फेक्‍शन का खतरा भी उसी तरह से बढ़ा हुआ होता है। इनमें से अधिकतर लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट और जरूरत की दूसरी सेवाओं से भी जुड़े हुए हैं, नर्सिंग होम और ग्रॉसरी शॉप पर भी यही होते हैं। ये सभी जगह वो हैं जहां पर इन्फेक्‍शन के चांसेज सबसे अधिक होते हैं। वो ये भी मानते हैं कि इनको लेकर देश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की कमी है।

ये भी पढ़ें:-  

सार्क देशों में कोरोना वायरस के 9 हजार से अधिक मामले, जानें कौन बना सबसे बड़ा शिकार 

जानें चीन को लेकर क्‍यों और कैसे आया अमेरिका के सुरों में बदलाव, अब चीनी वायरस नहीं

अमेरिका का अभिशप्‍त कैनेडी परिवार, दुर्भाग्‍य नहीं छोड़ रहा पीछा, हादसे में फिर गई दो की जान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.