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व्हाइट हाउस बोला- दो शर्तों पर WHO से जुड़ने पर फिर से विचार कर सकता है अमेरिका

व्हाइट हाउस ने कहा है कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भ्रष्टाचार और चीन पर अपनी निर्भरता को समाप्त करता है तो अमेरिका उससे जुड़ने पर विचार कर सकता है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 03:53 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 03:53 PM (IST)
व्हाइट हाउस बोला- दो शर्तों पर WHO से जुड़ने पर फिर से विचार कर सकता है अमेरिका
व्हाइट हाउस बोला- दो शर्तों पर WHO से जुड़ने पर फिर से विचार कर सकता है अमेरिका

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका ने कहा है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)से फिर से जुड़ने पर विचार सकता है, लेकिन उसने इसके लिए शर्त रखी है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अगर संगठन भ्रष्टाचार और चीन पर अपनी निर्भरता को समाप्त करता है तो देश उससे जुड़ने पर विचार कर सकता है। 

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ के साथ अमेरिका के संबंधों को समाप्त कर दिया। साथ ही इस दौरान उन्होने वैश्विक स्वास्थ्य निकाय पर  दुनियाभर में तीन लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत कारण बन चुके कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को गलत जानकारी साझा करने में चीन का साथ आरोप लगाया।

अमेरिका बहुत गंभीरता से वापस आने पर विचार करेगा

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने रविवार को एबीसी न्यूज को बताया, 'डब्ल्यूएचओ को सुधार की जरूरत है। राष्ट्रपति ने क्या कहा  कि अगर डब्ल्यूएचओ सुधार करता है और भ्रष्टाचार और चीन पर निर्भरता को समाप्त करता है, तो अमेरिका बहुत गंभीरता से वापस आने पर विचार करेगा।' समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसारअमेरिका ने कहा है कि वह अन्य अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों पर 400 मिलियन यूएस डालर से अधिक की धनराशि खर्च करेगा, जो कि वह डब्ल्यूएचओ को देता है।

राशि से फ्रंट-लाइन हेल्थ केयर वर्कर्स की करेंगे मदद- ओ ब्रायन

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार ओ ब्रायन ने कहा,  'डब्लूएचओ के लिए अमेरिका 400 मिलियन यूएस डॉलर खर्च करता है और चीन केवल 40 मिलियन यूएस डॉलर खर्च करता है। हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि यह राशि फ्रंट-लाइन हेल्थ केयर वर्कर्स को मिले, ठीक वैसे ही जैसे हम अफ्रीका में PEPFAR के साथ कर  मिलकर काम रहे हैं। डब्ल्यूएचओ अफ्रीका में एड्स और एचआइवी पीड़ितों के लिए जीवन नहीं बचा रहा है। यह  अमेरिका और हमारे उदार करदाता हैं, जो अफ्रीका में उन लोगों को बचा रहे हैं। हम इसे डब्ल्यूएचओ के माध्यम से नहीं कर रहे हैं।'


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