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अमेरिका के कई और शहरों तक पहुंची हिंसक प्रदर्शनों की आग, न्यूयॉर्क में लगाया गया कर्फ्यू

हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका के कई और शहरों तक पहुंच गई है। छह प्रांतों और 13 प्रमुख शहरों में आपातकाल की घोषणा की गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 03:06 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 03:06 AM (IST)
अमेरिका के कई और शहरों तक पहुंची हिंसक प्रदर्शनों की आग, न्यूयॉर्क में लगाया गया कर्फ्यू
अमेरिका के कई और शहरों तक पहुंची हिंसक प्रदर्शनों की आग, न्यूयॉर्क में लगाया गया कर्फ्यू

वाशिंगटन, एजेंसियां। पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति की मौत को लेकर अमेरिका में भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका के कई और शहरों तक पहुंच गई है। छह प्रांतों और 13 प्रमुख शहरों में आपातकाल की घोषणा की गई है। पूरे देश में 65 हजार से अधिक नेशनल गार्ड को तैनात किया गया है। वाशिंगटन डीसी के पास मौजूद एक 200 साल पुराने चर्च सहित प्रदर्शनकारियों ने लिंकन मेमोरियल और कई अन्य राष्ट्रीय स्मारकों को क्षतिग्रस्त कर दिया है।

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न्यूयार्क शहर के पॉश इलाकों में उग्र भीड़ ने बड़े-बड़े शोरूम में धावा बोलकर कीमती सामान लूट लिया है। कई जगह पुलिस वालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। स्थिति काबू में लाने के लिए करीब आठ हजार पुलिस वाले और तैनात किए गए हैं। हिंसा और लूटपाट की घटनाओं से नाराज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना उतारने की धमकी दी है। हालांकि उनकी धमकी का प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। विभिन्न शहरों में उपद्रवियों द्वारा की गई फायरिंग से पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। 

ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को कहा 'डोमेस्टिक टेरर' 

सोमवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा प्रदर्शनकारी जो कुछ कर रहे हैं वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं है। बल्कि यह एक तरह का 'डोमेस्टिक टेरर' है। निर्दोष लोगों की जान लेना न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है बल्कि यह भगवान के खिलाफ भी अपराध है। उन्होंने कहा कि बर्बादी, आगजनी, दंगों और लूट को रोकने के लिए सभी उपलब्ध सरकारी संसाधनों और सेना को जुटा लिया गया है। ट्रंप ने यह भी कहा कि फ्लॉयड की बर्बर मौत से सभी अमेरिकी दुखी हैं तथा इसका विरोध कर रहे हैं और इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में न्याय होगा। 

सभी गवर्नर नेशनल गार्ड तैनात करें 

ट्रंप ने हिंसा और लूटपाट रोकने को सभी राज्यों के गवर्नर से नेशनल गार्ड पर्याप्त संख्या में तैनात करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हम हर किसी को चेतावनी दे रहे हैं कि सात बजे का कर्फ्यू् सख्ती से लागू किया जाएगा। जो लोग निर्दोष लोगों पर अत्याचार करेंगे और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा भी चलाया जाएगा। अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा, 'राष्ट्रपति के तौर पर मेरा पहला और सर्वोच्च कर्तव्य हमारे महान देश और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा और बचाव करना है। 

200 साल पुराने सेंट जॉन चर्च पहुंचे 

हिंसा के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के पास 200 साल पुराने सेंट जोंस एपिस्कोपल चर्च का भी दौरा किया। यह वही चर्च है, जहां पुलिस से झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी।

न्यूयॉर्क में लगाया गया कर्फ्यू्  

हिंसा और लूटपाट रोक पाने में अधिकारियों के विफल रहने के बाद राजधानी वाशिंगटन और न्यूयॉर्क सिटी में सोमवार देर रात फिर कफ्र्यू लगा दिया गया। न्यूयार्क राज्य के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो और न्यूयार्क शहर के मेयर डे ब्लैसियो ने शहर में 11 सोमवार रात से मंगलवार सुबह पांच बजे तक कफ्र्यू लगाने की घोषणा की। बाद में मेयर ने पूरे सप्ताह के लिए रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक कफ्र्यू की घोषणा कर दी। हिंसा में अकेले न्यूयॉर्क शहर में 40 से अधिक पुलिस अधिकारी जख्मी हुए हैं। जबकि एक हजार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। 

लुइसविले में पुलिस प्रमुख बर्खास्त 

कर्फ्यू् लागू करने के दौरान गोली चलाने वाले लुइसविले के पुलिस प्रमुख को बर्खास्त कर दिया गया। मेयर ने यह कार्रवाई तब की जब उन्हें पता चला कि गोलीबारी में शामिल अधिकारी हिंसा के दौरान बॉडी कैमरा (वर्दी पर लगा कैमरा) चालू करने में विफल रहा। इस गोलीबारी में एक प्रसिद्ध बार्बेक्यू स्थल के मालिक की मौत हो गई थी। 

ओबामा ने की हिंसा की निंदा 

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में हिंसा की निंदा की है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपनी समस्याओं के राजनीतिक समाधान का आह्वान किया। उन्होंने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा है कि विरोध प्रदर्शन पुलिस प्रथाओं और व्यापक आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की विफलता पर एक वास्तविक और वैध हताशा का प्रतिनिधित्व करता हैं। उन्होंने कहा लेकिन इसके बावजूद हमें हिंसा का सहारा लेने वालों की निंदा करनी चाहिए। 


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