जब अमेरिका में चली दो गोलियों से हिल गई थी पूरी दुनिया, हर तरफ थी शोक की लहर!
केनेडी ने कभी कोई चुनाव नहीं हारा था। वे पहले युवा और रोमन कैथोलिक थे, जो अमेरिकी राष्ट्रपति बने। उनकी हत्या में एक शख्स गिरफ्तार हुआ, लेकिन हत्या की साजिश अब भी पहेली बनी हुई है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी 22 नवंबर 1963 को अपनी पत्नी जैक्लीन केनेडी, डलास के गवर्नर जॉन कोनली और उनकी पत्नी के साथ कारों के काफिले से टेक्सास के डलास शहर स्थित ट्रेड मार्क में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। दोपहर करीब 12:30 बजे उनके काफिले पर गोलियां चलाकर हमला कर दिया गया।
एक गोली केनेडी के गले को पार करती हुई निकल गई और दूसरी गोली उनके सिर के पिछले हिस्से में जा लगी। इस हमले में गवर्नर कोनली भी गंभीर रूप से घायल हो गए। राष्ट्रपति केनेडी को तत्काल पार्कलैंड मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। उनको दोपहर एक बजे मृत घोषित कर दिया गया।
महज 46 साल की उम्र में अमेरीका के लोकप्रिय राजनेता डेमोक्रेट पार्टी के जॉन एफ केनेडी दुनिया ने दुनिया को अलविदा कह दिया। अपने युवा नेता को खोने की खबर से अमेरिका और पश्चिमी देश शोक में डूब गए। केनेडी पर हमला करने वाले ली हार्वे ओस्वाल्ड को गिरफ्तार कर लिया गया। वह साम्यवादी व्यवस्था से प्रभावित पूर्व अमेरिकी नौसेना कर्मचारी था।
कातिल का भी हो गया कत्ल
हार्वे ओस्वाल्ड को घटना के दो दिन बाद 24 नवंबर को डलास सिटी हॉल से काउंटी जेल ट्रांसफर किया जा रहा था। उसी समय एक नाइट क्लब के मालिक जैक रूबी ने ओस्वाल्ड को गोली मार दी और उसकी मौत हो गई। ओस्वाल्ड की हत्या के लिए रूबी को 14 मार्च 1964 को मौत की सजा सुनाई गई, लेकिन अक्टूबर 1966 में टेक्सास की अपील्स कोर्ट ने इस फैसले को बदल दिया। इस मामले में आगे सुनवाई होती और कोई फैसला आता, इससे पहले 03 जनवरी 1967 को रूबी की मौत हो गई।
उसी दिन उपराष्ट्रपति ने संभाल लिया पदभार
केनेडी की हत्या वाले दिन उपराष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन को डर था कि सोवियत यूनियन या अमेरिका के दुश्मन राष्ट्र, यूएस सरकार को अस्थिर करने में लगे हैं। इस पर 22 नवंबर को ही उपराष्ट्रपति जॉनसन ने एयर फोर्स वन में राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली। गोलीबारी के समय जॉनसन भी केनेडी के साथ डलास में ही थे।
जांच कमीशन की रिपोर्ट पर विवाद
केनेडी की हत्या में कितनी गोलियां चलीं और कौन-कौन लोग शामिल थे, इस पर भी विवाद है। राष्ट्रपति जॉनसन के शासन काल में केनेडी हत्याकांड की जांच के लिए गठित वॉरेन कमीशन ने पाया कि ओस्वाल्ड केनेडी की हत्या में अकेले शामिल था। उसने तीन गोलियां चलाई थीं। पहली गोली केनेडी के गले में, दूसरी गोली उनके सिर के पिछले हिस्से में और तीसरी गोली मिस हो गई थी। हालांकि इस कमीशन के तथ्यों से काफी लोग असहमत थे, उनका मानना था कि ओस्वाल्ड के अलावा भी कोई दूसरा शख्स घटना वाली जगह मौजूद था।
केनेडी की हत्या को लेकर अलग-अलग थ्योरियां
1. क्यूबा सरकार पर है हत्या का संदेह
एक मान्यता यह भी है कि केनेडी की हत्या के पीछे क्यूबा सरकार जिम्मेदार थी। सीनेट सिलेक्ट कमेटी ने इस बात को उजागर किया था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA क्यूबा के नेता फिदेल कास्त्रो की हत्या की कई बार कोशिश कर चुका है। हालांकि कास्त्रों ने इन आरोपों को इस तर्क के साथ खारिज कर दिया था कि ऐसे कदम से अमेरिका की तरफ से जवाबी कार्रवाई की आशंका बढ़ेगी।
2. कहीं उपराष्ट्रपति की भूमिका तो नहीं?
केनेडी की हत्या की एक दूसरी थ्योरी है, जिसमें उपराष्ट्रपति जॉनसन को केनेडी की हत्या की साजिश रचने का केंद्र माना गया। केनेडी की हत्या से उनके लिए राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो जा गया था। वॉटरगेट कांड के साजिशकर्ता और सीआईए के पूर्व एजेंट ई हावर्ड हंट जूनियर ने दावा किया था कि जॉनसन ने केनेडी की हत्या के लिए सीआईए एजेंन्ट्स को आदेश दिया था।
3. कास्त्रो विरोधी पर संदेह
एक अन्य थ्योरी के अनुसार, क्यूबा के बे ऑफ पिग्स में सैन्य हस्तक्षेप में अमेरिकी सेनाओं की मदद रोकने के केनेडी के फैसले से कास्त्रो विरोधी धड़ा नाराज था। केनेडी का यह फैसला भी उनकी हत्या का एक कारण होना माना जाता है।
यूएस नेवी से राजनीति में रखा कदम
29 मई 1917 को ब्रुकलिन में जन्मे केनेडी ने यूएस नेवी से राजनीति में कदम रखा था। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने कोई चुनाव नहीं हारा। वे पहले युवा और रोमन कैथोलिक थे, जो अमेरिकी राष्ट्रपति बने। 1961 से 1963 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे केनेडी ने चांद पर इंसान भेजने और अंतरिक्ष कार्यक्रम का समर्थन किया। शीत युद्ध के समय क्यूबा में मिसाइल संकट हो या फिर सोवियत यूनियन तथा यूनाइटेड किंग्डम से सीमित परमाणु परिक्षण प्रतिबंध समझौता, इनमें केनेडी की भूमिका ने उन्हें और लोकप्रिय बना दिया।