Move to Jagran APP

US vs China : ट्रंप की राह पर बाइडन, कोरोना वायरस के लिए चीन को ठहराया जिम्‍मेदार, चीनी कंपनियों पर बढ़ाया प्रतिबंध

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की राह पर चलते हुए चीनी सर्विलांस कंपनियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने चीनी सेना से ताल्लुक रखने वाली इन कंपनियों पर ट्रंप काल के लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 06:11 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 06:15 PM (IST)
US vs China : ट्रंप की राह पर बाइडन, कोरोना वायरस के लिए चीन को ठहराया जिम्‍मेदार, चीनी कंपनियों पर बढ़ाया प्रतिबंध
ट्रंप की राह पर बाइडन, कोरोना वायरस के लिए चीन को ठहराया जिम्‍मेदार। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, न्यूयॉर्क टाइम्स। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की राह पर चलते हुए चीनी सर्विलांस कंपनियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने चीनी सेना से ताल्लुक रखने वाली इन कंपनियों पर ट्रंप काल के लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। उन्होंने इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे प्रतिबंध के दायरे में आई चीनी कंपनियों की संख्या 48 से बढ़कर 59 हो गई है। इन कंपनियों में अमेरिकियों के निवेश और कारोबार करने पर रोक रहेगी। इतना ही नहीं उन्‍होंने कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्‍मेदार ठहराया है। इसके लिए बाकायदा जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

loksabha election banner

प्रतिबंधों में हथियार उत्पादन से ताल्लुक रखने वाली कई कंपनियां शामिल

बाइडन के इस कदम से साफ जाहिर होता है कि वह अमेरिका में काम करने वाली चीनी कंपनियों के संबंध में पुरानी नीतियों को जारी रखना चाहते हैं। वह यह भी नहीं चाहते हैं कि अमेरिकी उन कंपनियों में निवेश करें, जो सर्विलांस टेक्नोलाजी से जुड़ी हैं। यह आदेश गुरुवार को जारी किया गया। सूची में चाइना यूनिकार्न, चाइना टेलीकाम और चाइना मोबाइल जैसी कंपनियां हैं। राष्ट्रपति ने उन चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित किया है, जो सैन्य, खुफिया, सुरक्षा शोध, विकास कार्यक्रम और हथियार उत्पादन से ताल्लुक रखती हैं। 

इन कंपनियों के जरिये अमेरिका में जासूसी करता है चीन

चीन अपने शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों, हांगकांग में विरोधियों और दुनियाभर में फैले चीनी समुदाय के लोगों के खिलाफ सर्विलांस टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करता है। यह भी संदेह जताया जाता है कि चीन इन कंपनियों के जरिये अमेरिका में जासूसी करता है। चीन की इन करतूतों को लेकर ट्रंप प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया था। अब बाइडन प्रशासन भी इसी राह पर आगे बढ़ रहा है। हालांकि चीन इस तरह के कदमों की निंदा करने के साथ अपने आतंरिक मामलों में दखल करार देता है।

बाइडन प्रशासन ने चीन के खिलाफ उठाए कदम

बता दें कि दुनिया भर में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। करोड़ों लोग इसकी चपेट में आए, जबकि लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं चीन पर कोरोना वायरस को लैब में बनाने के आरोप लग रहे हैं। इस बीच, अमेरिका के एक जाने-माने विशेषज्ञ ने चीन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ा एक सबूत मांगा है। अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी ने चीन से वुहान लैब के तीन स्टाफ का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा है। ये सभी 2019 में बीमार हुए थे। उन्होंने साथ ही पूछा है कि क्या वे वास्तव में बीमार हो गए थे ? और अगर हां, तो वे किस बीमारी की चपेट में आए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एंथनी फॉसी ने चीन से 3 लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड जारी करने को कहा है। डॉ. फॉसी का अनुमान है कि इन लोगों की बीमारियां इस बात का महत्वपूर्ण सबूत दे सकती हैं कि क्या वाकई में कोरोना वायरस पहली बार वुहान की लैब से लीक हुआ और फिर पूरी दुनिया में फैल गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.