अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा ने संयुक्त रूप से हांगकांग में नेताओं की सामूहिक गिरफ्तारी की निंदा की
हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत लोकतंत्र समर्थकों की गिरफ्तारी पर अमेरिका ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने संयुक्त रूप से कड़ी निंदा की है। अधिकारियों द्वारा इस सप्ताह गिरफ्तार किए गए लोकतंत्र समर्थक 55 कार्यकर्ताओं में से अधिकतर को जमानत मिल गई है।
मेलबर्न, एजेंसियां। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने हांगकांग में 50 से अधिक लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर चीन के प्रशासन से क्षेत्र के लोगों के कानूनी अधिकारों और आजादी का सम्मान करने के लिए कहा है। विदेश मंत्रियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत की गई कार्रवाई गंभीर चिंता का विषय है।
बता दें कि चीन द्वारा पिछले वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद गत बुधवार तड़के की गई छापेमारी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई। इस कार्रवाई का उद्देश्य पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश में असंतोष को दबाना है।
विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान को ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मॉरिस पायने द्वारा जारी किया गया। इसमें कहा गया, 'यह पूरी तरह स्पष्ट है कि असहमति और विरोधी राजनीतिक विचारों को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उपयोग किया जा रहा है। हम हांगकांग और चीन के प्रशासन से हांगकांग के लोगों की स्वतंत्रता का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल 1 जुलाई को हांगकांग में लागू किया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा का स्पष्ट उल्लंघन है और 'एक देश, दो व्यवस्थाओं' के ढांचे को कमजोर करता है। बुधवार को की गई कार्रवाई में हांगकांग के प्रमुख लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल, हांगकांग प्रशासन का मानना है कि पिछले वर्ष अनधिकृत वोटिंग प्रक्रिया के जरिये ये लोग विपक्षी प्रत्याशी को चुनने का काम कर रहे थे और उनका यह कृत्य स्थानीय सरकार को उखाड़ फेंकने की एक योजना का हिस्सा था। गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि वाशिंगटन गिरफ्तारी में शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगा सकता है।
ज्ञात हो कि हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के विरोध में लोकतंत्र समर्थकों ने जबर्दस्त आंदोलन चलाया है। सरकार के विरोध में पिछले साल भर यह आंदोलन चलता रहा। इस आंदोलन में क्लेंसी की सक्रिय भूमिका रही थी। लोकतंत्र समर्थकों के इस आंदोलन में राजनीतिक संगठन के वह कोषाध्यक्ष हैं।