Move to Jagran APP

अफगान से अमेरिकी सेना की 44 फीसद तक वापसी प्रक्रिया हुई पूरी: सेंट्रल कमांड

11 सिंतबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से अमेरिकी सेना वापसी की घोषणा पर तेजी से अमल किया जा रहा है। सेना की सेंट्रल कमांड ने बताया कि उन्होंने सेना वापसी की 30 से 44 फीसद तक प्रक्रिया को पूरा कर लिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 02:19 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 02:19 PM (IST)
अफगान से अमेरिकी सेना की 44 फीसद तक वापसी प्रक्रिया हुई पूरी: सेंट्रल कमांड
अमेरिकी सेना की 44 फीसद तक वापसी प्रक्रिया पूरी

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के 11 सिंतबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से सेना वापसी की घोषणा पर तेजी से अमल किया जा रहा है। सेंट्रल कमांड (CENCOM) ने बताया कि उन्होंने सेना वापसी की 30 से 44 फीसद तक प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। जो बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के बाद अफगानिस्तान में दो दशक से चल रही लड़ाई का अंत करने की घोषणा की थी। अब सेना वापसी हो रही है।

prime article banner

अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने कहा कि अब तक अफगानिस्तान से तीन सौ सी-17 मालवाहक के बराबर सामान और 13 हजार सैन्य उपकरण डिफेंस लाजिस्टिक एजेंसी को सौंप दिए गए हैं। ज्ञात हो कि 11 सितंबर 2001 में अमेरिका में हमले के बाद अफगानिस्तान से आतंकवादियों का सफाया करने का अभियान शुरू किया गया था। इसमें अमेरिका के साथ ही नाटो देशों की सेनाओं ने भी भाग लिया। अब तक इस अभियान में 2400 अमेरिकी नागरिक मारे जा चुके हैं। अमेरिका के साथ अब नाटो देशों की सेना भी अफगानिस्तान से वापसी कर रही है।

अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर 6 संस्थाओं को अफगानिस्तान रक्षा मंत्रालय को सौंपा है। यह जानकारी अमेरिका के सेंट्रल कमांड (US Central Command, CENTCOM) ने दी। राष्ट्रपति बाइडन ने अप्रैल में ऐलान किया था कि इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी कर ली जाएगी। 29 फरवरी 202 को तालिबान और अमेरिका ने दोहा में एक डील पर हस्ताक्षर किया था। इसके अनुसार युद्ध ग्रस्त अफगानिस्तान में शांति बहाल की जाएगी और अमेरिकी सैनिकों की वापसी की जाएगी। फिलहाल अफगानिस्तान में 2,500 अमेरिकी सैनिक बचे हैं।

11 सितंबर 2001 के हमले के बाद से अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान को बाहर निकाल दिया गया। अमेरिका ने अफगानिस्तान के दोबारा निर्माण और जंग में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया है। दस हजार से अधिक अफगानी सैनिकों, तालिबानी घुसपैठियों व अफगान की जनता के अलावा 2400 अमेरिकी जवान मारे गए।

अमेरिका और चीन में हुई आर्थिक मुद्दों पर वार्ता

अमेरिका और चीन दोनों ही देश डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल से उलझी गुत्थियों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी ही एक कोशिश के तहत अमेरिका की वित्तमंत्री जैनेट येलेन और चीन के मुख्य आर्थिक राजदूत लियू हि के बीच वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से वार्ता हुई। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा आर्थिक स्थिति, द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही जिन मुद्दों को लेकर चिंता और टकराव है, उन पर भी खुलकर चर्चा की गई।

ज्ञात हो कि ट्रंप सरकार के कार्यकाल से ही चीन से व्यापार को लेकर कई मुद्दों पर जबर्दस्त टकराव है। अमेरिका ने चीनी उत्पादों का आयात शुल्क बढ़ा दिया था। कई अन्य व्यापारिक प्रतिबंध भी लगाए थे। इसके जवाब में अमेरिका से सोयाबीन खरीद पर रोक के साथ ही चीन ने भी कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। हालांकि चीन से व्यापार को लेकर बाइडन ने अभी अपनी नीति स्पष्ट नहीं की है और यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि वे डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाईयों पर किस तरह से आगे बढ़ेंगे। दोनों नेताओं की वार्ता से पहले अधिकारी स्तर पर लगातार लगभग हर माह टेलीफोन पर वार्ता चल रही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.