ईरान के परमाणु संयंत्र को दी छूट खत्म करेगा अमेरिका, 2009 में खुला था इस संयत्र का राज
ईरान शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों से फोर्दो परमाणु संयंत्र को छिपाने में कामयाब रहा था लेकिन 2009 में यह दुनिया के सामने आ गया।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका ने तेहरान द्वारा फोर्दो परमाणु संयंत्र में यूरेनियम संवर्धन का काम फिर से शुरू किए जाने पर एतराज जताया। ईरान के इस कदम के बाद वाशिंगटन ने उपरोक्त संयंत्र को प्रतिबंधों से दी गई छूट खत्म करने का एलान किया है।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) और ईरान ने इस महीने की शुरुआत में इस बात की पुष्टि की थी कि तेहरान ने इस संवेदनशील अंडरग्राउंड परमाणु संयंत्र में यूरेनियम संवर्द्धन का काम फिर से शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि ईरान शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों से फोर्दो संयंत्र को छिपाने में कामयाब रहा था, लेकिन 2009 में यह दुनिया के सामने आ गया।
फैसले की घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि प्रतिबंधों से दी गई छूट 15 दिसंबर से समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस गुप्त संयंत्र पर यूरेनियम संवर्धन का काम फिर से शुरू करने का कोई वैध कारण नजर नहीं आता है और ऐसा करने से ईरान राजनीतिक और आर्थिक रूप से विश्व में अलग-थलग पड़ जाएगा। बता दें कि पिछले महीने अमेरिका ने प्रतिबंधों में दी गई छूट को 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया था।
दरअसल, यूरोपीय देश 2015 के परमाणु अप्रसार समझौते को लागू कराने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पिछले साल इससे अमेरिका के अलग होने के बाद ईरान ने भी इस समझौते से दूरी बना ली है। समझौते के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में ईरान को यूरेनियम संवर्द्धन कार्यक्रम को जहां बंद करना होगा, वहीं फोर्दो परमाणु संयंत्र को तकनीकी केंद्र में बदलना होगा।
अमेरिका के इस निर्णय की रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज, लिंडसे ग्राहम और लिज चेने ने प्रशंसा की है और ट्रंप प्रशासन से 'अरक भारी जल रिएक्टर' को दी गई छूट को भी समाप्त करने की मांग की। इस रिएक्टर में चीन की सरकारी कंपनी चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन काम कर रही है।