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अफगानिस्तान में काबिज होने के बाद तालिबान के साथ अमेरिका की पहली वार्ता आज

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि शनिवार से तालिबान के साथ अमेरिका पहली व्यक्तिगत वार्ता करेगा। इस क्रम में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल शनिवार और रविवार को कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 05:51 AM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 08:00 AM (IST)
अफगानिस्तान  में काबिज होने के बाद तालिबान के साथ अमेरिका की पहली वार्ता आज
अफगान में काबिज होने के बाद तालिबान के साथ अमेरिका की पहली वार्ता

वाशिंगटन, एएफपी। अफगानिस्तान से वापसी के बाद पहली बार अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता होने वाली है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान से निकलने की चाह रखने वाले विदेशी नागरिकों व अफगान नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए अमेरिका ने इस मुलाकात का फैसला लिया है। इस क्रम में शनिवार  और रविवार को अमेरिकी अधिकारी तालिबान के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे।

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दोहा में होने वाली इस वार्ता का फोकस अफगानिस्तान के तालिबानी नेताओं से इस बात पर मुहर लगवानी है कि वे अमेरिकियों और अन्य विदेशी नागरिकों को अफगानिस्तान से सुरक्षित निकासी की इजाजत देंगे। इनमें वे अफगान के नागरिक भी होंगे जिन्होंने काबुल में अमेरिकी सेना के लिए काम किया है। नाम न बताने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को बताया, 'हम महिलाओं और लड़कियों सहित सभी अफगानों के अधिकारों का सम्मान करने और व्यापक समर्थन के साथ एक समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान पर दबाव डालेंगे।' नेड प्राइस ने कहा, ' अफगानिस्तान एक गंभीर आर्थिक संकुचन और संभावित मानवीय संकट की संभावना का सामना कर रहा है इसलिए हम तालिबान पर भी मानवीय एजेंसियों को जरूरत के क्षेत्रों में मुफ्त पहुंच की अनुमति देने के लिए दबाव डालेंगे।' हालांकि प्रवक्ता नेड प्राइस ने दोनों पक्षों की ओर से प्रतिनिधि का नाम नहीं बताया।

नेड प्राइस के अनुसार, गुरुवार को 105 अमेरिकी नागरिक और 95 ग्रीन-कार्ड धारक अमेरिका द्वारा भेजे गए उड़ानों के जरिए निकाले गए थे। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि दर्जनों अमेरिकी नागरिक अभी भी हजारों ग्रीन-कार्ड धारकों के साथ बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं और अफगान और परिवार के सदस्यों को अमेरिकी वीजा के लिए योग्य माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि इसी माह 20 तारीख को अफ़ग़ानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता होने वाली है जिसमें तालिबान के शामिल होने की पूरी संभावना हे। इसमें चीन, भारत, ईरान और पाकिस्तान भी शामिल हो रहे हैं।


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