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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने किया हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण

ARRW Hypersonic Missile रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया के ताकतवर मुल्क अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अमेरिका ने सोमवार को हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण किया है।

By Mohd FaisalEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 03:23 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 03:23 PM (IST)
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने किया हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण
हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण (फोटो: एएनआइ)

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी वायुसेना ने बताया कि उन्होंने सोमवार को एक एयर-लान्च रैपिड रिस्पांस वेपन (ARRW) हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण किया है। अमेरिकी वायु सेना ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि B-52H स्‍ट्रेटोफोर्टरेस ने 14 मई को दक्षिणी कैलिफोर्निया तट से एजीएम-183ए एयर-लान्च रैपिड रिस्पांस वेपन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

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दरअसल, अमेरिकी वायुसेना ने एक बयान जारी कर बताया कि बी-52 बाम्बर के जरिए एयर-लान्च्ड रैपिड रिस्पान्स वेपन को छोड़ा गया। जिसका सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ। अमेरिकी वायु सेना के अनुसार, परीक्षण के दौरान मिसाइल ने हाइपरसोनिक हासिल की है। जो ध्वनि की गति से पांच गुना तेज रफ्तार से उड़ान भर सकता है। ये परीक्षण शनिवार को दक्षिणी कैलिफोर्निया के तट पर किया गया है।

419वें एफएलटीएस कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल माइकल जुंगक्विस्ट ने कहा कि परीक्षण टीम ने सुनिश्चित करते हुए बताया कि ये परीक्षण सफलता रहा है। उन्होंने कहा हमारी अत्यधिक कुशल टीम ने इससे पहले एयर-लान्च किए गए हाइपरसोनिक हथियार पर इतिहास रच दिया है। हम इस गेम-चेंजिंग हथियार को जल्द से जल्द योद्धा तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

आपको बता दें कि ARRW को अमेरिका को स्टैंड-आफ दूरियों से प्रतिस्पर्धी, वातावरण में जोखिम में स्थिर, उच्च-मूल्य, समय-संवेदनशील लक्ष्यों को रखने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह भारी बचाव वाले भूमि लक्ष्यों के खिलाफ तेजी से प्रतिक्रिया हमलों को सक्षम करके सटीक-स्ट्राइक क्षमताओं का भी विस्तार करेगा। यह AUKUS गठबंधन के तहत आता है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और आस्ट्रेलिया शामिल हैं। उन्होंने उच्च गति वाले हथियार विकसित करने के लिए मिलकर काम करने की योजना की घोषणा की है।

अमेरिका, चीन और रूस उन शीर्ष देशों में शामिल हैं, जो हाइपरसोनिक हथियारों में अग्रणी हैं, जिनकी गति और गतिशीलता के कारण उन्हें ट्रैक करना और इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाता है। इससे पहले अमेरिका ने मार्च के मध्य में एक हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था।


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