Move to Jagran APP

अमेरिकी विदेश विभाग की भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश, सीएए समेत कई अन्य को बनाया मुद्दा

अमेरिका की एक रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकारियों के साथ चर्चा में सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के बारे में मुस्लिम समुदाय की चिंताएं थीं। इसके साथ ही यह आरोप लगाया गया कि मुस्लिमों ने कोरोना वायरस फैलाया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 10:54 PM (IST)
अमेरिकी विदेश विभाग की भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश, सीएए समेत कई अन्य को बनाया मुद्दा
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर 2020 की रिपोर्ट का हुआ जिक्र

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी विदेश विभाग ने अल्पसंख्यकों का ख्याल रखने की हिदायतों के साथ भारत के आंतरिक मामलों में फिर दखल देने की कोशिश की है। सीएए, दिल्ली दंगे और कोरोना संक्रमण के दौरान तब्लीगी जमात की भूमिका को मुद्दा बनाते हुए धार्मिक स्वतंत्रता के मामले को देख रहे एक अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका नियमित रूप से भारतीय अधिकारियों के साथ अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के मामले में चिंता जता रहा है और कहा कि भारत सरकार के पास सिविल सोसायटी समूहों की चिंताओं को दूर करने के अवसर हैं।

prime article banner

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर 2020 की रिपोर्ट के बारे में बुधवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए डैनियल नडेल ने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग के अफसर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ सभी स्तरों पर नियमित रूप से जुड़ते हैं, उन्हें भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और सहिष्णुता के इतिहास की लंबी परंपरा को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यकों के संरक्षण सहित मानव अधिकारों के दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

भारत सरकार को धार्मिक समुदायों से संपर्क करने की सलाह 

रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकारियों के साथ चर्चा में सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के बारे में मुस्लिम समुदाय की चिंताएं थीं। इसके साथ ही यह आरोप लगाया गया कि मुस्लिमों ने कोरोना वायरस फैलाया है। विदेश विभाग के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी नडेल ने कहा कि अमेरिका भारत सरकार को धार्मिक समुदायों से संपर्क करने की सलाह देता है। साथ ही भारत को अलग-थलग पड़ने वाले कानूनों से दूर रहना चाहिए। जब कानून पारित किए जाते हैं, जब पहल की जाती है, जो इन समुदायों के साथ प्रभावी परामर्श के बिना किया जाता है, तो यह समय के साथ अलगाव की भावना पैदा करता है। और सबसे अच्छा तरीका है कि सरकार धाíमक समुदाय के साथ सिविल सोसाइटी के साथ प्रत्यक्ष संवाद में संलग्न हो। विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, 'दुनिया के लिए हमारा वादा है कि बाइडन प्रशासन दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेगा। हम इस मुद्दे पर अमेरिका के लंबे समय तक नेतृत्व को बनाए रखेंगे।' मुस्लिम विरोधी घृणा अभी भी कई देशों में व्यापक है और यह अमेरिका के लिए भी एक गंभीर समस्या है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.