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विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतरने पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जानें क्‍या कहा

नासा जेपीएल (जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी) में नवाचार और प्रौद्योगिकी अधिकारी टॉम सोडरस्ट्राम ने कहा चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का मलबा मौजूद है और इसमें कई विसंगितयां मौजूद हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 08:16 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 08:16 PM (IST)
विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतरने पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जानें क्‍या कहा
विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतरने पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जानें क्‍या कहा

नई दिल्ली, आइएएनएस। अंतरिक्ष मिशन असफल होते हैं और वैज्ञानिक समुदाय को इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। यह ठीक है कि विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर सका, लेकिन इसके लिए फिर से प्रयास करना चाहिए क्योंकि यह एक व्यवसाय है। यह बात नासा जेपीएल (जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी) में नवाचार और प्रौद्योगिकी अधिकारी टॉम सोडरस्ट्राम ने कही।

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बहुत मुश्किल काम है रोवर को सतह पर उतारना

उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का मलबा मौजूद है और इसमें कई विसंगितयां मौजूद हैं। अब देखना यह है कि इसका पता नासा और इसरो में से कौन पहले लगाता है। चंद्रयान-2 मिशन की सबसे बड़ी सीख यह है कि इस तरह के मिशन विफल होने के लिए ही होते हैं और नासा से बेहतर इसे कोई और नहीं जानता है। रोवर को सतह पर उतारना बहुत मुश्किल काम है। यह कभी-कभी काम करता है। इसलिए हम हर बार सुपर नर्वस हो जाते हैं। हमें अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि अगर एक भी चीज गलत हो गई तो पूरा मिशन फेल हो सकता है।

कई बार असफल हुए थे

सोडरस्ट्राम ने कहा कि यह एक कठिन व्यवसाय है और हम इसे सिर्फ इसलिए करना बंद नहीं कर सकते हैं कि क्योंकि हमारे एक या दो बार रोवर सफलतापूर्वक सतह पर नहीं उतर सके। उन्होंने कहा कि जब हम चांद पर गए थे तो कई बार असफल हुए थे, लेकिन अंतत: हम इसमें सफल हुए। इधर, इसरो अध्यक्ष सिवन ने कहा कि उसके अपने आर्बिटर ने दुर्घटनाग्रस्त विक्रम लैंडर का पता लगा लिया था। हालांकि उन्होंने कहा कि इसरो नासा द्वारा किए गए दावों का खंडन नहीं करेगा।

नासा ने ढूंढ निकाला विक्रम लैंडर का मलबा 

चंद्रमा की सतह पर इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए विक्रम लैंडर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर के पहले हफ्ते में ढूंढ निकाला। नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की, जिसमें अंतरिक्ष यान से प्रभावित जगह दिखाई पड़ी। नासा के दावे के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा उसके क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सेल के थे। 

इसरो ने किया दावा 

इस खोज पर इसरो प्रमुख के सिवन (K Sivan) ने नासा द्वारा विक्रम लैंडर (Vikram Lander) को खोज निकालने पर कहा था कि हमारे खुद के ऑर्बिटर ने सबसे पहले लैंडर विक्रम के मलबे को खोज निकाला था। उन्‍होंने यह भी कहा कि हमने पहले ही इसकी घोषणा इसरो की वेबसाइट (ISRO Website) पर कर दी थी। 


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