अमेरिकी सीनेट समितियों ने कैपिटल में दंगे के बाद नए सुरक्षा कानून का आग्रह किया, पुलिस की सहमति
दो सीनेट समितियों ने पुलिस प्रमुख को ज्यादा अधिकार देने की सिफारिश की है। उन्होंने ये सिफारिश जनवरी के महीने में हुए घातक हमलों को ध्यान में रखते हुए की है। पुलिस ने हमले की चेतावनी देने में यू.एस. खुफिया एजेंसी की विफलताओं के ओर इशारा करना जारी रखा।
वॉशिंगटन, रायटर। वॉशिंगटन में सुरक्षा का आंकलन करने वाली दो सीनेट समितियों ने पुलिस प्रमुख को ज्यादा अधिकार देने की सिफारिश की है। उन्होंने ये सिफारिश जनवरी के महीने में हुए घातक हमलों को ध्यान में रखते हुए की है। साथ ही उन्होंने पेंटागन द्वारा आपात स्थिति के लिए एक्शन प्लान तैयार करने को भी कहा है।
कैपिटल पुलिस ने किया स्वागत
अपने एक बयान में, यूएस कैपिटल पुलिस ने रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले ही अपनी संचालन योजना को बदल दिया था। लेकिन इस दौरान भी उन्होंने हमले की चेतावनी देने में यू.एस. खुफिया एजेंसी की विफलताओं के ओर इशारा करना जारी रखा।
गौरतलब है कि, तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने 6 जनवरी को दंगे किए थे। इस दौरान, पेंटागन को कैपिटल पुलिस से मदद मिलने में घंटों का वक्त लगा था। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
प्रक्रिया को आसान करने की सिफारिश
पेंटागन द्वारा तैनात किए गए, डीसी नेशनल गार्ड के सैनिकों को राजधानी तक पहुंचने में करीब 3घंटे का वक्त लगा था। इतने वक्त में सदन और सीनेट के कमरों को पहले ही सुरक्षित कर लिया गया था। रिपोर्ट में सीनेट और होमलैंड सुरक्षा समितियों ने कैपिटल पुलिस प्रमुख को आपात स्थिति में सीधे डीसी नेशनल गार्ड की मदद मांगने के लिए अधिकार देने की सिफारिश की है। वर्तमान प्रक्रिया में कैपिटल पुलिस बोर्ड के प्रमुख को पहले आपातकालीन घोषणा करनी होती है। फिर पेंटागन से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है। हालांकि बोर्ड की मंजूरी 6 जनवरी को नहीं हुई थी।
बदलाव के लिए कानून होगा पेश
समिति की अध्यक्षता करने वाली डेमोक्रेट सीनेटर एमी क्लोबुचर ने कहा कि वो और रिपब्लिकन सीनेटर रॉय ब्लंट बदलाव के लिए कानून पेश करेंगे। 95 पन्नों के एक दस्तावेज़ में कहा गया है कि ट्रम्प ने अपने समर्थकों को कैपिटल जाने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके भाषण की एक प्रति रिपोर्ट के साथ संलग्न की गई थी, लेकिन इसमें उनकी भूमिका पर चर्चा नहीं की गई है।
हमले के लिए नहीं थी तैयारी
समिति के नेताओं ने स्वीकार किया कि रिपोर्ट ने अपना ध्यान खुफिया जानकारी, सुरक्षा तैयारियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया तक सीमित कर दिया था। इसमें हमले को लेकर आशंका नहीं जाहिर की गई थी। यूएससीपी ने एक बयान में, अपने रुख को दोहराते हुए कहा कि वो एक बड़े प्रदर्शन के लिए तैयार थे। लेकिन यह नहीं जानते थे कि "हजारों दंगाइयों ने हमला करने की योजना बनाई है," ।
रिपब्लिकन ने कहा कि सीनेट समितियों के द्वारा की गई जांच और साथ ही चल रहे मुकदमे पर्याप्त हैं। साथ ही सीनेट ने कहा की उन्हें कई एजेंसियों से मांगी गई सारी जानकारी नहीं मिली है।