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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बोले, मुंबई हमले के दोषियों को सजा देने में काफी देर हो गई

भारतीय दूतावास ने 26/11 हमलों की बरसी पर अपने परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें कई नेता शामिल हुए। कार्यक्रम में मृतकों की याद में मोमबत्ती जलाई गई और एक मिनट मौन रहकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 03:58 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 03:58 PM (IST)
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बोले, मुंबई हमले के दोषियों को सजा देने में काफी देर हो गई
26/11 हमलों की 13वीं बरसी पर अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने 26/11 हमलों की तेरहवीं बरसी पर मुंबई वासियों की सहनशीलता की तारीफ करते हुए पाकिस्तान पोषित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों द्वारा वर्ष 2008 में किए गए नरसंहार के दोषियों को जल्द सजा देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों को सजा देने में काफी देर हो गई है।

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ब्लिंकन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'मुंबई हमले के 13 साल बीत चुके हैं। हमले की बरसी पर हम छह अमेरिकियों समेत सभी मृतकों को और मुंबई वासियों की सहनशीलता को याद करते हैं। अपराधियों को सजा दिए जाने का लंबे समय से इंतजार है।' अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत एकजुट हैं। उन्होंने कहा, 'मुंबई की हाल की मेरी यात्रा में मैं भयानक आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए ताज महल पैलेस होटल के 26/11 स्मारक पर गई थी।' सांसद एलिसे स्टेफनिक ने कहा, 'इस अन्याय को भुलाया नहीं जा सकता।'

26/11 हमलों की बरसी पर भारतीय दूतावास में हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम

भारतीय दूतावास ने 26/11 हमलों की बरसी पर अपने परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कई नेता शामिल हुए। कार्यक्रम में मृतकों की याद में मोमबत्ती जलाई गई और एक मिनट मौन रहकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

एएनआइ के अनुसार, टोरंटो के डुंडास स्क्वायर पर हिंदू फोरम कनाडा ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। हमले में दो कनाडाई नागरिक भी मारे गए थे, जबकि छह घायल हुए थे। संगठन ने कनाडाई सरकार से 26 नवंबर को स्मृति दिवस घोषित करने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने कई स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 18 सुरक्षा कर्मियों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में छह अमेरिकी भी शामिल थे।


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