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Joe Biden vs Donald Trump: जानें, वे चार बड़े मुद्दे जो डोनाल्‍ड ट्रंप पर पड़े भारी और बाइडन हुए हावी

आखिर वो कौन से कारण है जिसके चलते बाइडन अपने प्रतिद्वंद्वी ट्रंप पर हावी रहे। इसके साथ यह भी देखेंगे कि ट्रंप की हार की बड़ी वजह क्‍या रही। इसके साथ यह भी जाननें की कोशिश करेंगे कि चुनाव प्रचार के दौरान दोनों उम्‍मीदवारों के क्‍या प्रमुख मुद्दे रहे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 01:57 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 03:53 PM (IST)
Joe Biden vs Donald Trump: जानें, वे चार बड़े मुद्दे जो डोनाल्‍ड ट्रंप पर पड़े भारी और बाइडन हुए हावी
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्‍मीदवार जो बाइडन अपने प्रतिद्वंद्वी व रिपब्लिकन पार्टी के उम्‍मीदवार डोनाल्‍ड ट्रंप। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेर‍िकी राष्‍ट्रपति चुनाव में इलेक्‍टोरल वोटों की गिनती में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्‍मीदवार जो बाइडन अपने प्रतिद्वंद्वी व रिपब्लिकन पार्टी के उम्‍मीदवार डोनाल्‍ड ट्रंप से काफी आगे चल रहे हैं। इस चुनाव में 264 इलेक्‍टोरल वोटों के साथ बाइडन व्‍हाइट हाउस के काफी करीब हैं, जबकि ट्रंप को 214 वोट ही मिले हैं। उधर, शु्क्रवार को राष्‍ट्रपति ट्रंप ने भी हार मानने के संकेत दिए हैं। अब यह कहा जा सकता है कि अमेरिका में भावी राष्‍ट्रपति की तस्‍वीर काफी कुछ साफ हो गई है। ऐसे में यह सवाल उठता है आखिर वो कौन से कारण है, जिसके चलते बाइडन अपने प्रतिद्वंद्वी ट्रंप पर हावी रहे। इसके साथ यह भी देखेंगे कि ट्रंप की हार की बड़ी वजह क्‍या रही। इसके साथ यह भी जाननें की कोशिश करेंगे कि चुनाव प्रचार के दौरान दोनों उम्‍मीदवारों के क्‍या प्रमुख मुद्दे रहे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के हार-जीत के समीकरण को लेकर प्रो. हर्ष पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन) ने चार कारणों को प्रमुख माना है।

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पांच प्रमुख मुद्दे बने हार-जीत के बड़े कारण 

1- अमेर‍िकी राष्‍ट्रपति चुनाव में कोरोना इफेक्‍ट से इन्‍कार नहीं किया जा सकता। कोरोना महामारी ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव को पूरी तरह से प्रभावित किया। इतना ही नहीं डेमोक्रेट‍िक पार्टी ने इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया। चुनाव प्रचार के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्‍मीदवार बाइडन ने कोरोना महामारी के प्रबंधन को लेकर राष्‍ट्रपति ट्रंप पर कई सवाल उठाए। चुनाव प्रचार के दौरान बाइडन लगातार इस बात को दोहरा रहे थे कि कोरोना महामारी के प्रसार में ट्रंप का विशेष योगदान है। बाइडन ने स्‍थापित किया कि अमेरिका में कोरोना से हुई मौत के लिए ट्रंप की नीति जिम्‍मेदार है।

2- कोरोना महामारी के दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रतिबंधों को लेकर भी गंभीर मतभेद रहे। कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए बाइडन कठोर प्रतिबंधों की वकालत करते रहे, वहीं चुनाव में ट्रंप ने कठोर प्रतिबंधों को खारिज किया। ट्रंप ने दलील दी थी कि कोरोना प्रसार को रोकने के लिए कठोर नियम अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए घातक है। वह अर्थव्‍यवस्‍था को खोलने की वकालत करते रहे। उन्‍होंने अमेरिकी जनता को आश्‍वासन दिया था कि अमेरिका अर्थव्‍यवस्‍था बहुत जल्‍द पटरी पर लौट आएगी।

3- कोरोना महामारी के दौरान बाइडन ने राष्‍ट्रपति ट्रंप को एक गैर जिम्‍मदार राष्‍ट्रपति के रूप में स्‍थापि‍त किया। कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल को लेकर ट्रंप कई बार विपक्ष के निशाने पर रहे। राष्‍ट्रपति ट्रंप विपक्ष की आलोचना के बाद भी अपनी कई चुनावी रैलियों में मास्‍क नहीं पहने। उन्‍होंने कई रैलियों में मास्‍क की खिल्‍ली भी उड़ाई। इन रैलियों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया। विपक्ष ने ट्रंप की इस हरकत को गैर जिम्‍मेदाराना कहा। हालांकि, बाद में अपनी कई रैलियों एवं व्‍यक्तिगत कार्यक्रमों में ट्रंप मास्‍क के साथ भी नजर आए, लेकिन तब तक विपक्ष उन्‍हें एक गैर जिम्‍मदार राष्‍ट्रपति के रूप में स्‍थापित कर चुका था। उधर, बाइडन ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैज्ञानिकों पर आस्‍था जताई और इसे एक संवेदनशील मुद्दा माना।

4- चुनाव के ऐन मौके पर अमेरिका में अश्‍वेत आंदोलन ने अमेरिकी राजनीति को प्रभावित किया। इसका असर राष्‍ट्रपति चुनाव में भी दिखा। पुलिस कस्‍टडी में अश्‍वते जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका में जबरदस्‍त नस्‍लीय हिंसा हुई। इस हिंसा में ट्रंप का स्‍टैंड एकदम क्‍लीयर था। अश्‍वेत आंदोलन को उन्‍होंने अमेरिकी कानून व्‍यवस्‍था का उल्‍लंघन माना और सख्‍ती से पेश आए। इतना ही नहीं, ट्रंप ने इस अश्‍वेत आंदोलन में हुई हिंसा को आतंकवादी घटना करार दिया। इसके उलट नस्‍लीय हिंसा को लेकर बाइडन का दृष्टिकोण काफी उदार था। डेमोक्रेटिक नेता व पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा और उप राष्‍टपति पद की उम्‍मीदवार कमला हैरिस ने नस्‍लीय आंदोलन को जायज ठहराया था।


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