इतिहास में सबसे महंगा हो सकता है 2020 का अमेरिकी चुनाव, 2016 के मुकाबले दोगुने खर्च की उम्मीद
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन प्रचार अभियान के दौरान 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड 93.8 करोड़ डॉलर चंदे के रूप में मिला था जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने दानकर्ताओं से अबतक 59.6 करोड़ डॉलर चुनाव प्रचार के लिए जुटाया है जो की बाइडेन से लगभग आधा है।
न्यूयॉर्क, पीटीआइ। अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2020) के लिए चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। 3 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह चुनाव देश के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव (Most Expensive Election) बनने जा रहा है। इस चुनाव में पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले दोगुनी राशि खर्च होने का अनुमान है। इस बार करीब 14 अरब डॉलर खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सेंटर फॉर रेस्पॉनसिव पॉलिटिक्स ने कहा कि मतदान से पहले के आखिरी महीने में राजनीतिक चंदे में भारी वृद्धि हुई है और इसकी वजह से इस चुनाव में जो 11 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, अब वह आंकड़ा बहुत पीछे छूट गया है। शोध समूह ने कहा कि वर्ष 2020 के चुनाव में 14 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है, जो चुनाव में खर्च कहोने वाले पैसे के पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा।
समूह के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के पहले प्रत्याशी होंगे जिन्होंने दानकर्ताओं से एक अरब डॉलर की राशि जुटाई है। उनके प्रचार अभियान को 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड 93.8 करोड़ डॉलर प्राप्त हुए हैं। वहीं, ट्रंप ने दानकर्ताओं से अबतक 59.6 करोड़ डॉलर चुनाव प्रचार के लिए जुटाया है, जो की बाइडेन से लगभग आधा है।
समूह ने बयान में कहा कि महामारी के बावजूद हर कोई 2020 के चुनाव में अधिक राशि दान कर रहा है, फिर चाहे वह आम लोग हों या अरबपति। इस बार महिलाओं ने दान देने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अमेरिकी तेजी से उन उम्मीदवारों को दान कर रहे हैं, जिनका राज्य में कार्यालय नहीं चल रहा है।
अमेरिकी राजनीति में खर्च होने वाला पैसे से चुनाव और सार्वजनिक नीति पर पड़ने वाले प्रभाव पर नजर रखने वाले स्वतंत्र और गैर-लाभकारी अनुसंधान समूह सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स के मुताबिर इस वर्ष के चुनाव में पिछले दो राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में अधिक खर्च देखने को मिलेगा। इसके कार्यकारी निदेशक शीला क्रुमहोलज़ ने कहा, 'डोनर्स ने 2018 की मध्यावधि के दौरान रिकॉर्ड मात्रा में पैसा लगाया और यह चलन 2020 तक जारी है।'