Move to Jagran APP

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने खुद को इजरायल का सबसे अच्छा दोस्त बताया

इजरायली मूल के अमेरिकियों के गढ़ फ्लोरिडा में ट्रंप ने खुद को इजरायल का सबसे अच्छा दोस्त बताया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 06:57 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:57 PM (IST)
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने खुद को इजरायल का सबसे अच्छा दोस्त बताया
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने खुद को इजरायल का सबसे अच्छा दोस्त बताया

 हॉलीवुड, एएफपी। बतौर राष्ट्रपति अपनी दूसरी पारी के लिए चुनाव मैदान में उतरे ट्रंप इजरायली मूल के मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इजरायली मूल के अमेरिकियों के गढ़ फ्लोरिडा में ट्रंप ने खुद को इजरायल का सबसे अच्छा दोस्त बताया।

loksabha election banner

इजरायल को मुझसे बेहतर दोस्त नहीं मिला

हॉलीवुड में शनिवार को इजरायली-अमेरिकी काउंसिल द्वारा आयोजित एक समारोह में ट्रंप ने कहा, पूर्व में आप में से ज्यादातर का समर्थन दूसरे दल (डेमोक्रेट) को मिला, लेकिन आप खुद देखिए कि इजरायल को मुझसे बेहतर दोस्त नहीं मिला है।

ट्रंप ने अपने भाषण में यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले का भी जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने विवादास्पद गोलान पहाड़ियों पर इजरायली कब्जे को मान्यता देने की बात भी कही। ट्रंप प्रशासन ने हाल में कहा था कि अब वह वेस्ट बैंक इलाके की इजरायली बस्तियों को अवैध नहीं मानेगा।  

ट्रंप ने गोलन पहाड़ियों केा लेकर 52 साल की यथास्थिति को खत्म किया 

करीब आठ महीने पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोलन पहाड़ियों पर इजरायल के अधिकार को मान्यता दी थी। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस पहाड़ी इलाके को इजरायल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से छीन लिया था और उसके बाद उसे वापस नहीं किया।

दुनिया ने गोलन पहाड़ियों पर इजरायल के कब्जे को कभी मान्यता नहीं दी और वह विवादित इलाका बना रहा, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस इलाके पर इजरायल के अधिकार को मान्यता देते हुए 52 साल की यथास्थिति को खत्म कर दिया है। 

दिसंबर, 2017 में ट्रंप ने दी थी यरुशलम को मान्‍यता 

ट्रंप ने दिसंबर, 2017 को  मध्य-पूर्व एशिया की राजनीति में बेहद अहम यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी। यह शहर ईसाइयों, मुस्लिमों और यहूदियों के लिए जितना बड़ा आस्था का केंद्र है, उतना ही विश्व की राजनीति और कूटनीति में यह एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ट्रंप के इस फैसले के बाद 17 दिसंबर 2017 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 सदस्यों में से अमेरिका के मित्र देशों ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान और यूक्रेन समेत 14 देशों ने ट्रंप के फैसले को खारिज करने के फैसले का समर्थन किया। इस पर दुनिया में अलग-थलग पड़ते देख अमेरिका ने वीटो कर दिया। फिर 21 दिसंबर 2017 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में 128 देशों ने अमेरिका के खिलाफ वोट किया और यरुशलम को इजरायल की राजधानी मानने से इनकार कर दिया। 

जानिए क्‍या था विवाद 

यरुशलम शहर का पूर्वी हिस्सा फिलिस्तीन के पास था, लेकिन 1967 के युद्ध में इजरायल ने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया। तब से यह इजरायल के पास है, लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली। फिलिस्तीन पूर्वी यरुशलम को और इजरायल पूरे यरुशलम को अपनी राजधानी मानता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.