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जानें, कौन हैं बाइडन प्रशासन के 'नवरत्‍न', इनके कंधों पर होगी बड़ी जिम्‍मेदारी, क्‍या है उनका भारतीय लिंक

उम्‍मीद की जा रही है कि बाइडन जनवरी के प्रथम सप्‍ताह में राष्‍ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे। आइए जानते हैं कि उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कौन प्रमुख दावेदार हैं। उनकी क्‍या खासियत हैं ? भारत से उनका क्‍या लिंक है ?

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 08:33 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 11:41 AM (IST)
जानें, कौन हैं बाइडन प्रशासन के 'नवरत्‍न', इनके कंधों पर होगी बड़ी जिम्‍मेदारी, क्‍या है उनका भारतीय लिंक
संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन की फाइल फोटो।

वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। who are the top contenders of Joe Biden administration : भले ही अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अभी राष्‍ट्रपति पद की शपथ न ली हो, वह विधिवत देश के राष्‍ट्रपति न बने हो, लेकिन यह उम्‍मीद की जा रही है कि वह कुछ हफ्तों में अपने मंत्रिमंडल के कुछ प्रमुख पदों के नाम की घोषणा कर सकते हैं। यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी कैबिनेट में कुछ भारतीय मूल के सदस्‍य भी शामिल होंगे। बाइडन ने व्‍हाइट हाउस में एक ऐसे प्रशासन का वादा किया है जो देश की विव‍िधता को दर्शाने में सक्षम होगा। उम्‍मीद की जा रही है कि बाइडन जनवरी के प्रथम सप्‍ताह में राष्‍ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे। आइए जानते हैं कि उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कौन प्रमुख दावेदार हैं। उनकी क्‍या खासियत हैं ? भारत से उनका क्‍या लिंक है ?

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रॉन क्लैन को व्‍हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्‍टाफ बनाया

बाइडन ने अपने प्रशासन के निर्माण की शुरुआत बुधवार को ही कर दिया था। अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति ने रॉन क्लैन को व्‍हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्‍टाफ बनाकर इसका शुभारंभ किया। इसके साथ ही बाइडन प्रशासन के लिए होड़ शुरू हो गई है। इस होड़ में कई ऐसे चेहरे भी शामिल हैं, जिन्‍होंने चुनावी कैंपेन में बाइडन का साथ दिया। अब वह बाइडन प्रशासन में जाने को तैयार है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि दुनिया के सबसे ताकतवर बाइडन की टीम में प्रमुख पदों के लिए शीर्ष दावेदार कौन है। 

सुसान राइस : बाइडन की संक्षिप्‍त सूची में सुसान राइस का नाम भी जरूर शामिल होगा। राइस पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कई देशों में अमेरिकी राजदूत रहे। अमेरिकी विदेश नीति की उनको अच्‍छी समझ और जानकारी है। इसका गहन अनुभव है। वर्ष 2012 में लीबिया के बेंगाजी में अमेरिकी मिशन में उनकी अहम भूमिका थी। इसे लेकर उनकों रिपब्लिकन के विरोध का सामना करना पड़ा था।

1- विलियम बर्न्‍स : अमेरिकी विदेश सेवा के अधिकारी व पूर्व उप सचिव रहे। बर्न्‍स लंबे समय तक रूस में राजदूत रहे। उन्‍होंने वर्ष 2015 में ईरान परमाणु समझौते का मार्ग प्रशस्‍त किया। मौजूदा परिस्थितियों में उनकी अहम भूमिका हो सकती है। खासकर तब जब अमेरिका का रूस और ईरान के बीच तनाव चरम पर है, ऐसे में उनका दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्‍य बनाने में अहम रोल हो सकता है। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अध्यक्ष हैं।

2- लॉर ब्रेनार्ड : फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्‍य रहे ब्रेनार्ड 2009 के वैश्विक वित्‍तीय संकट के दौरान राष्‍ट्रपति भवन में अंतरराष्‍ट्रीय मामलों के अवर सचिव रहे। ऐसे में जब अमेरिका में कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहा है, उनका अनुभव बाइडन के काम आ सकता है।

3- सारा ब्लूम रस्किन : वित्‍त प्रबंधन को बेहतर अनुभव हासिल है। रस्किन पूर्व में डिप्‍टी ट्रेजरी सचिव के रूप में काम कर चुकी है। वह पेशे से वकील है। वह राज्‍य वित्‍तीय नियामक के रूप में प्रमुख भूमिका अदा कर चुकी हैं। 

4- मिशेल फ्लोरनॉय : पूर्व राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन और बराक ओबामा प्रशासन में एक शीर्ष रक्षा विभाग के अधिकारी के रूप में कार्य किया। चुनावी कैंपेन के दौरान उन्‍होंने बाइडन को रक्षा मुद्दों पर सलाह दी। बाइडन के शीर्ष शीर्ष सलाहकारों में से एक एंटनी ब्लिन्केन के साथ एक परामर्श फर्म की स्थापना की है। बाइडन प्रशासन में रक्षा विभाग की अहम जिम्‍मेदारी मिल सकती है।

5- टैमी डकवर्थ : इलिनोइस के अमेरिकी सीनेटर हैं। यह बाइडन के अच्‍छे सहयोगी रहे हैं। 2004 में वह इराक में अमेरिकी सेना के एक अधिकारी थे। इस दौरान उनके हेलीकॉप्‍टर में आग लग गई, जिसके चलते उन्‍होंने अपने दोनों पैरों को खो दिया। पूर्व राष्‍ट्रपति ओबामा के प्रशासन में वह सहायक सचिव थे।

6- अरुण मजूमदार : अमेरिकी ऊर्जा विभाग के पहले निदेशक थे। मजूमदार उन्नत ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया। मार्च 2011 से जून 2012 तक ऊर्जा के कार्यवाहक के रूप में कार्य किया।

7- विवेक मूर्ति : एक चिकित्सक और पूर्व जनरल सर्जन मूर्ति ने हाल के महीनों में कोरोना वायरस महामारी से निपटने पर बाइडन के सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष के रूप में प्रमुखता प्राप्त की है। इसके चलते राष्ट्रपति-चुनाव ने अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता हासिल की है।

8- वेंडी शेरमन : ओबामा के कार्यकाल में राजनीतिक मामलों के लिए विदेश विभाग के अंडर सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। ईरान के साथ परमाणु वार्ता का नेतृत्व करने में मदद की थी।

9- पीट बटिगी: राष्‍ट्रपति चुनावी कैंपेन में डोनाल्‍ड ट्रंप के खिलाफ बाइडन के शीर्ष अधिवक्‍ताओं में रहे। इनको बाइडन प्रशासन में अहम जिम्‍मेदारी मिल सकती है।

10- एव्रिल हैंस : ओबामा के कार्यकाल में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थीं, और पहले CIA के उप निदेशक के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला थीं। 2017 में ओबामा प्रशासन छोड़ने के बाद उसने कोलंबिया विश्वविद्यालय में कई पद संभाले।


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