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अमेरिकी सांसद ने भारतीय सीमा पर चीन की अक्रामकता की निंदा की, बोले- धृष्टता की राह' छोड़े बीजिंग

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भारत की सीमा पर चीन की हालिया आक्रामक गतिविधियों की निंदा की है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 03:27 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 03:27 PM (IST)
अमेरिकी सांसद ने भारतीय सीमा पर चीन की अक्रामकता की निंदा की, बोले- धृष्टता की राह' छोड़े बीजिंग
अमेरिकी सांसद ने भारतीय सीमा पर चीन की अक्रामकता की निंदा की, बोले- धृष्टता की राह' छोड़े बीजिंग

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भारत की सीमा पर चीन की हालिया आक्रामक गतिविधियों की निंदा की है। साथ ही चीन से अपील की है कि वह तनाव बढ़ाने वाली 'धृष्टता की राह' को छोड़कर कूटनीति को अपनाए। पिछले सप्ताह गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी सैन्य कमांडर सहित 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। दोनों ही देशों के बीच सीमा को लेकर जारी गतिरोध के बीच पिछले करीब पांच दशकों में इस बड़ी हिंसक झड़प ने स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया।

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कृष्णमूर्ति ने एक बयान में सोमवार को कहा, 'मैं चीन की सरकार द्वारा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक निंयत्रण रेखा) पर हालिया खतरनाक आक्रामक गतिविधि और बेवजह जीवन को हुई क्षति से बेहद चिंतित हूं। चीन सरकार को अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार पड़ोसियों के साथ विवादों से निपटने के दौरान उकसावे और धौंस के रास्ते का इस्तेमाल बंद करना चाहिए।'

इलियोनिस से डेमोक्रेटिक सासंद ने कहा, 'मैं चीन सरकार से कड़ाई से अपील करता हूं कि वह तनाव बढ़ाने वाली धृष्टता की राह को छोड़ भारत के साथ अपने सीमा विवाद से जुड़े सवालों के हल के लिए कूटनीति का अनुसरण करे। भारत ने सोमवार को चीन द्वारा गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले को पूर्वनियोजित बताया था और मांग की थी कि चीन तत्काल पूर्वी लद्दाख के सभी जगह से अपनी सेना हटाए।'

इस बीच भारत और चीन बातचीत के जरिए लगातार गतिरोध को हल करने में जुटे हुए हैं। गलवन घाटी के निकट चुशूल सेक्टर में सोमवार दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता को लेकर सेना ने कहा कि वार्ता काफी सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई। बताया जा रहा है कि भारत-चीन के बीच पीछे हटने को लेकर सहमति बनी है। सेना ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी क्षेत्रों से पीछे हटने के तौर तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों पक्षों द्वारा इसे आगे बढ़ाया जाएगा।


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