वीजा पर नए प्रतिबंधों को अमेरिकी अदालत ने किया खारिज, भारतीय प्रवासियों को राहत
भारतीय प्रवासियों को राहत देते हुए अमेरिका की अदालत ने अक्टूबर में लागू किए गए वीजा के नए नियम को खारिज कर दिया जो प्रवासी कामगारों के वेतन और उनकी संख्या सीमित करने को लेकर बनाई गई थी।
वाशिंगटन, एपी। वीजा मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरकार को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी अदालत ने दो ऐसे नियमों को पूरी तरह समाप्त करने का आदेश दिया है, जो हर साल प्रवासी मजदूरों के लिए जारी होने वाले वीजा की संख्या को कम करने और वेतन के संबंध में थे। इस निर्णय से भारतीय प्रवासियों को बहुत बड़ी राहत मिली है। पिछले साल चीन से शुरू कोरोना वायरस ने जिंदगी की रफ्तार को धीमी करने के साथ ही आर्थिक व्यव्स्था को भी चपेट में ले लिया। इस क्रम में अमेरिकी सरकार ने गत अक्टूबर में प्रवासी कामगारों के प्रवेश को लेकर नए नियम लागू कर दिए थे। इसके तहत दूसरे देशों से रोजगार के लिए अमेरिका आने वाले लोगों की संख्या तो सीमित की ही गई साथ ही इन्हें मिलने वाले वेतन में भी कटौती का आदेश दिया गया था।
ट्रंप ने बनाए थे प्रवासी कामगारों के सीमित प्रवेश के नियम
ट्रंप सरकार ने अक्टूबर माह में प्रवासियों के एच1बी वीजा पर प्रतिबंध के नए नियम बनाए थे। ये नियम कंपनियों के द्वारा प्रवासी कामगारों को वेतन दिए जाने की आवश्यकता और उनकी संख्या निर्धारण के संबंध में थे। इस मामले में सरकार की दलील थी कि कोरोना वायरस से देश में रोजगार कम हुए हैं। इसलिए बाहर से आने वालों पर नियंत्रण लगाना जरूरी है। इन नियमों को समाप्त करने का आदेश देते हुए कैलिफोर्निया के डिस्ट्रिक्ट जज जेफ्री व्हाइट ने कहा कि इन नियमों में पारदर्शिता का अभाव है। नियमों में बदलाव का कारण कोरोना महामारी बताया गया है।
भारतीय प्रवासियों को राहत
ऐसी स्थिति में यह एक आपातकालीन व्यवस्था हो सकती है। दीर्घकाल में इसको लागू करने का कोई औचित्य दिखाई नहीं देता है। अमेरिका हर साल 85 हजार से ज्यादा एच1बी वीजा जारी करता है। अमेरिका में छह लाख से ज्यादा लोग भारत और चीन के हैं, जो इस श्रेणी के वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं। अमेरिकी अदालत के निर्णय से भारतीय प्रवासियों को बड़ी राहत मिली है।