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कोरोना वायरस की लैब-लीक की थ्योरी पर बाइडन सरकार की राय बदली, जानें क्‍या है मौजूदा रुख

अमेरिका में जो बाइडन की डेमोक्रेट सरकार ने चीनी वायरस के कथित लीक पर बड़े नाटकीय अंदाज में अपनी राय बदल ली है। अमेरिकी अधिकारियों ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के वायरस के वुहान की लैब से फैलने के...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 12:40 AM (IST)
कोरोना वायरस की लैब-लीक की थ्योरी पर बाइडन सरकार की राय बदली, जानें क्‍या है मौजूदा रुख
अमेरिका में जो बाइडन की सरकार ने 'चीनी वायरस' के कथित लीक पर अपनी राय बदल ली है।

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका में जो बाइडन की डेमोक्रेट सरकार ने 'चीनी वायरस' के कथित लीक पर बड़े नाटकीय अंदाज में अपनी राय बदल ली है। अमेरिकी अधिकारियों ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के वायरस के वुहान की लैब से दुर्घटनावश फैलने के सिद्धांत कमोबेश सही मानते हुए उसकी तुलना जंगल में प्राकृतिक तरीके से आग लग जाए। हाल के महीनों में लैब-लीक के सिद्धांत को इतनी अधिक हवा मिली कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को 90 दिनों के अंदर वायरस के स्रोत का पता लगाने की जांच रिपोर्ट तलब की थी।

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सीएनएन के मुताबिक अमेरिकी खुफिया समुदाय भी इस बात को लेकर बंटा हुआ है कि वुहान की लैब से वायरस लीक हुआ है या फिर प्राकृतिक रूप से जानवरों से इंसानों में पहुंच गया है। सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से किसी एक या दूसरी दिशा में जाने के लिए नए सुबूत बहुत कम उपलब्ध हैं। लेकिन बाइडन प्रशासन के बड़े अफसर लैब में वायरस के लीक होने के सिद्धांत को गंभीरता से ले रहे हैं और इस विचार को बेहद खुलेपन से देख रहे हैं।

इसके बावजूद कोरोना वायरस पर अध्ययन करने वाले और संक्रमण के स्रोत पर रीसर्च करने वाले कई वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका स्रोत प्राकृतिक है। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा समय में खुफिया प्रशासनों का मानना है कि वायरस संभवत: प्राकृतिक तरीके से ही जानवरों से इंसानों के संपर्क में आया है। उनका मानना है कि इसे जानबूझकर लैब में तैयार नहीं किया गया है। 

मालूम हो कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के मूल का पता लगाने के लिए चीन और वुहान की प्रयोगशाला में दोबारा जांच का प्रस्ताव रखा है। राजनयिकों के मुताबिक चीन की तरफ से इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को सदस्यों देशों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में यह प्रस्ताव रखा था। इससे एक दिन पहले ही घेब्रेयेसस ने कहा था कि चीन में कोरोना वायरस के प्रसार के शुरुआती दिनों के आंकड़े नहीं मिलने से पहली जांच में बाधा आई थी।


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