अमेरिका ने बीजिंग पर कसा शिकंजा, हांगकांग के मुद्दे पर चीन के चार अधिकारियों पर लगाया प्रतिबंध
अमेरिका ने इन अधिकारियों को हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कराने में उनकी भूमिका के लिए प्रतिबंधित किया है क्योंकि अमेरिका इस कानून को अभिव्यक्ति की स्वंत्रता और विपक्ष की राजनीति को बेहद कड़ाई से दबाने के रूप में देखता है।
बीजिंग, एजेंसी। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने हांगकांग में राजनीतिक अधिकारों के दमन के मुद्दे पर चीन के चार और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। सोमवार को मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि इन चारों की अमेरिका यात्रा और यहां किसी भी तरह की संपत्ति हासिल करने पर रोक लगाई जाएगी। अमेरिका ने इन अधिकारियों को हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कराने में उनकी भूमिका के लिए प्रतिबंधित किया है, क्योंकि अमेरिका इस कानून को अभिव्यक्ति की स्वंत्रता और विपक्ष की राजनीति को बेहद कड़ाई से दबाने के रूप में देखता है।
सोमवार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब हांगकांग के 19 लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने कहा है कि अगर बीजिंग उनमें से किसी एक को भी अयोग्य करार देता है तो वे शहर की विधायिका परिषद से बड़ी संख्या में इस्तीफा देंगे। अपुष्ट खबरों में कहा गया था कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति इनमें से चार को अयोग्य करार देने की तैयारी कर रही है। अमेरिका इससे पहले भी कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है, जिनमें हांगकांग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम भी शामिल हैं। अमेरिका ने अगस्त महीने में कैरी लाम एवं इस क्षेत्र के वर्तमान और पूर्व पुलिस प्रमुखों और अन्य शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
हांगकांग के मुख्य सचिव मैथ्यू चेउंग ने अमेरिका इस कदम पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध अस्वीकार्य है। अमेरिका का यह कृत्य निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस कार्रवाई के लिए बर्बर शब्द का इस्तेमाल करूंगा। चेउंग ने कहा कि अमेरिका के इस कार्रवाई से हम कतई भयभीत नहीं है। बता दें कि अमेरिका ने चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को अस्वीकार कर दिया था। चीन ने एक जलाई को हांगकांग में नए राष्ट्रीय सुरक्षा का कार्यालय खोला। इसका मकसद देश में चीन के खिलाफ उपजे असंतोष का दबाना था। इसमें कठोर कार्रवाई के प्रावाधान है। इसके तहत हांगकांग में तोड़फोड़ और हिंसा को आतंकवाद की कार्रवाई मानी गई है।