हांगकांग में राजनीतिक अशांति और हिंसा के बीच अमेरिका ने यादा दिलाया चीन का वादा
माइक पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका हांगकांग में गहरी राजनीतिक अशांति और हिंसा से चिंतित है जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच गतिरोध भी शामिल है।
वाशिंगटन, एजेंसी । हांगकांग में राजनीतिक अशांति के बीच अमेिरका ने एक बार फिर कहा है कि चीन को अपने स्वतंत्रता के वादे को निभाना चाहिए। राज्य के विदेश सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका हांगकांग में गहरी राजनीतिक अशांति और हिंसा से चिंतित है, जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच गतिरोध भी शामिल है। अमेरिका की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब चीन ने प्रदर्शनकारियों को खबरदार करते हुए हांगकांग के पुलिस प्रमुख को बदल दिया है। हांगकांग में यह आंदोलन अब तक सबसे हिंसक दौर से गुजर रहा है। चार दिनों से वहां हिंसक झड़प जारी है। इस हिंसा में अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका ने कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को हांगकांग के साथ किए गए वादों का सम्मान करना चाहिए। हांगकांग के नागरिक स्वतंत्रता चाहते हैं।
इसका वादा संयुक्त राष्ट्र द्वारा दायर संधि चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा में किया गया है। पोम्पिओ ने कहा कि हांगकांग सरकार को राजनीतिक अशांति को हिंसा को कानून प्रावधानों के जरिए रोकना चाहिए। सरकार को जनता की चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम को पुलिस शिकायतों की जांच एक स्वतंत्र निकाय से कराना चाहिए।
बता दें कि हांगकांग में बड़े पैमान पर विरोध प्रदर्शन के बीच चीन की स्टेट काउंसिल ने मंगलवार को तांग-पिंग-कुंग को लो वाई चुंग की जगह हांगकांग के नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया है। सिन्हुआ न्यूज के मुताबिक हांगकांग के मुख्य कार्यकारी कैरी लैम के सुझाव के बाद काउंसिल ने यह बदलाव किया है। हफ्ते भर से पॉलीटेक्निक विश्वविद्यालय पर कब्जा जमाए बैठे आंदोलनकारियों के खिलाफ रविवार रात पुलिस ने कठोर कार्रवाई की। आंदोलनकारी तीर धनुष पेट्रोल बम और पत्थरों से पुलिस पर हमला किए। जवाब में पुलिस के जवान आंसू गैस, रासायनिक तरल और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी और पुलिस की झड़प में 38 लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में 154 लोगों को गिरफ्तार किया है।
खास बात यह है कि इस विश्वविद्यालय परिसर से चीन सैन्य अड्डा बहुत समीप है। इसलिए चीन की सेना हालात पर पैनी नजर बनाए हुए थे। वह दूरबीन की मदद से विश्वविद्यालय में हो रही कार्रवाई पर नजर रखे हुए थे। करीब छह माह से जारी लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन से हांगकांग अस्त-व्यस्त हो गया। महानगर में चार विश्वविद्यालय अभी भी आंदोलनकारियों के कब्जे में हैं।