कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अमेरिकी सेना ने कन्नी काटी, चीन को लेकर सियासत हुई तेज
मेरिका में अब यह बहस तेज हो गई है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति क्या चीन से हुई ? क्या यह वुहान में वायरोलॉजी लैब से निकला था ? क्या यह वुहान के बाजार से निकला ?
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में अब यह बहस तेज हो गई है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति क्या चीन से हुई ? क्या यह वुहान में वायरोलॉजी लैब से निकला था ? क्या यह वुहान के बाजार से निकला ? क्या इस वायार के प्रसार का चीन असल गुनाहगार है ? राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर अमेरिका में यह मुद्दा अब राजीनतिक रंग पकड़ता जा रहा है। इस मामले में पूरा अमेरिका दो खेमों में बंट गया है। इस क्रम में जब अमेरिका के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले से यह सवाल किया गया तो वह कन्नी काट गए। उन्होंने साफ कहा कि 'हम नहीं जानते कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई।'
कोरोना वायरस प्राकृतिक था, मानव निर्मित नहीं
उन्होंनें इस सवाल को टरकाते हुए कहा कि सरकार और देश की खुफियां एजेंसी इस बात की जांच कर रही हैं। मिले ने कहा कि अभी तक के सबूतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस प्राकृतिक था वह मानव निर्मित नहीं था। उन्होंने कहा कि यह शायद जानबूझकर नहीं फैलाया गया था। एलर्जी और संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक एंथोनी फौसी ने भी नेशनल ज्योग्राफिक के साथ अपने साक्षात्कार में कहा था कि कोरोना वायरस कृतिम नहीं है। उन्होंनें का कि इसको जानबूझ कर हेरफेर नहीं किया जा सकता है। इस संभावना के बारे में पूछे जाने पर कि वायरस लैब के बाहर पाया गया था। फ़ाउसी ने कहा कि यह वायरस शुरू से जंगल में था।
पोम्पिओ द्वारा किए गए दावे के विपरीत थे मिले और फौसी की टिप्पणी
गौरतलब है कि मिले और फौसी की टिप्पणी रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा किए गए दावे के विपरीत थी। पोम्पिओ ने बहुत दृढ़ता से कहा था कि वायरस वुहान में एक प्रयोगशाला से आया था। उन्होंने कहा था कि इस बात के महत्वपूर्ण प्रमाण है। अमेरिकी मीडिया ने पिछले हफ्ते यह चिंता व्यक्त की थी कि कोरोना वायरस को चीनी लैब के साथ जोड़ने के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव से वायरस के बारे में आकलन गड़बड़ हो सकता है। इसका इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में भी किया जा सकता है।