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कोरोना वायरस के इलाज के लिए अमेरिका में रेमडेसिविर को दी गई पूरी मंजूरी, बढ़ेगा इस्‍तेमाल

रेमडेसिविर को अब तक सिर्फ कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर पीड़ित मरीजों के लिए ही इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। यही दवा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी गई थी जब वह कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:32 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:34 AM (IST)
कोरोना वायरस के इलाज के लिए अमेरिका में रेमडेसिविर को दी गई पूरी मंजूरी, बढ़ेगा इस्‍तेमाल
रेमडेसिविर को इबोला का इलाज करने के लिए विकसित किया था

वॉशिंगटन, एपी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्‍सीन की खोज जारी है। इस बीच अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोविड-19 के इलाज के लिए ऐंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर को पूरी तरह से मंजूरी दे दी है। भारत समेत कई देशों में रेमडेसिविर से कोरोना वायरस का इलाज किया जा रहा है। अब अमेरिका द्वारा पूरी तरह से मंजूरी के बाद इसके इस्‍तेमाल बढ़ना तय है।

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दरअसल, रेमडेसिविर को अब तक सिर्फ कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर पीड़ित मरीजों के लिए ही इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। यही दवा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी गई थी, जब वह कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए थे। शायद इसी दवा की वजह से वह बेहद जल्‍द कोरोना वायरस से उबर गए। बता दें कि रेमडेसिविर ऐसी पहली दवा है, जिसे स्वास्थ्य एजेंसियों ने अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों को देने के लिए मंजूरी दी है।

रेमडेसिविर को इबोला का इलाज करने के लिए विकसित किया था। यह उस एन्जाइम को ब्लॉक करती है, जो कोरोना वायरस की डबलिंग करने में मदद करता है। इसकी वजह से वायरस शरीर में फैल नहीं पाता। शोध में पाया गया कि रेमडेसिविर ने सार्स (SARS) और मेर्स (MERS) की ऐक्टिविटी को ब्लॉक किया। रेमडेसिविर को 12 साल या उससे ऊपर की उम्र से ज्यादा के लोगों को पांच दिन के इलाज के दौरान 6 वायल में दिया जाता था। मई में दो शोध में यह पाया गया कि रेमडेसिविर से कोरोना संक्रमित जल्‍दी ठीक हो जता है, उसे अस्पताल में कम वक्‍त के लिए रहना पड़ता है। इसके बाद एफडीए ने इमर्जेंसी में ड्रग के इस्तेमाल की इजाजत दी थी।

अगले साल की शुरुआत तक दो कोरोना वैक्‍सीन

इधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश के महत्व को रेखांकित किया है। स्वामीनाथन ने कहा कि हमारे पास अगले साल की शुरुआत में कोरोना वायरस के कम से कम दो टीके उपलब्ध हो सकते हैं। इन वैक्‍सीन को हम सबसे कमजोर और उच्च जोखिम वाली आबादी में उपयोग करना शुरू कर सकते हैं।


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