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पाकिस्तान के गले की हड्डी बनी 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड लखवी की गिरफ्तारी, अमेरिका की पैनी नजर

अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी(Zakiur Rehman Lakhvi) को मुंबई हमले का जिम्मेदार ठहराए। अमेरिका की अब आतंकी जकी उर रहमान लखवी के खिलाफ कार्रवाई के मुकदमे और सजा पर रहेगी नजर।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 03:12 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 03:12 PM (IST)
पाकिस्तान के गले की हड्डी बनी 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड लखवी की गिरफ्तारी, अमेरिका की पैनी नजर
पाकिस्तान के गले की हड्डी बनी लखवी की गिरफ्तारी। (फोटो: दैनिक जागरण)

वाशिंगटन, एएनआइ। मुंबई हमले के मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी की गिरफ्तारी पाकिस्तान के गले की हड्डी बन गई है। लखवी की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने प्रशंसा करने के साथ ही कहा है कि वह उसे 2008 में मुंबई आतंकी हमले की घटना में जिम्मेदार ठहराए। लखवी पर मुकदमे और उसको दी जाने वाली सजा पर भी वह नजर रखेगा।

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पाकिस्तान की सरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव में पहले भी उसे तीन बार गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर चुकी है। लखवी को पाकिस्तान के आतंकरोधी विभाग (सीटीडी) ने टेरर फंडिंग के मामले में शनिवार को लाहौर से गिरफ्तार किया है। लखवी की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने पाक को सीधे तौर संदेश दिया है कि अब वह दिखावा नहीं, वास्तविक रूप से कार्रवाई चाहता है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के ब्यूरो ने कहा है कि हम आंतकी जकी उर रहमान लखवी की गिरफ्तारी का स्वागत करते हैं। पाक का टेरर फंडिंग और आतंकवाद के खिलाफ यह महत्वपूर्ण कदम है। हमारी उसके ऊपर चलाए जाने वाले अभियोग और सजा पर पूरी नजर रहेगी। अमेरिका ने यह भी कहा कि अब पाकिस्तान को मुंबई आतंकी हमले में उसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए।

लखवी 26 नवंबर 2008 के हमले का मास्टर माइंड है। पूरी घटना को अंजाम देने में उसकी पूरी भूमिका रही है। इस हमले में 166 लोगों की मौत और तीन सौ लोग घायल हो गए थे। लखवी को संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद में पारित प्रस्ताव के तहत मुंबई आतंकी हमले के मामले में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया हुआ है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग और आतंकवादियों को संरक्षण देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में 2018 से बना हुआ है। इस लिस्ट से बाहर आने के लिए वह दिखावे के लिए इस तरह की कार्रवाई करता रहा है। यही कारण है कि अमेरिका ने पाक को सीधा संदेश दिया है।


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