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भारत-चीन के बीच शुरू हो सकता है स्‍पेश वार, अमेरिकी विशेषज्ञों का दावा

भारत के उपग्रह रोधी मिसाइल के परीक्षण से नई दिल्‍ली और बीजिंग के बीच स्‍पेश वार की शुरुआत हो सकती है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 03:21 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 03:21 PM (IST)
भारत-चीन के बीच शुरू हो सकता है स्‍पेश वार, अमेरिकी विशेषज्ञों का दावा
भारत-चीन के बीच शुरू हो सकता है स्‍पेश वार, अमेरिकी विशेषज्ञों का दावा

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी विशेषज्ञों का दावा है कि भारत के उपग्रह रोधी मिसाइल (ASAT) के परीक्षण से नई दिल्‍ली और बीजिंग के बीच स्‍पेश वार की शुरुआत हो सकती है। विशेषज्ञों ने यह आशंका जाहिर किया है कि दोनों देशों के बीच स्‍पेश में प्रतिद्वंद्विता का दौर शुरू हो सकता है। बता दें कि भारत ने पिछले महीने एक उपग्रह रोधी मिसाइल का परीक्षण किया था। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ने यह परीक्षण बीजिंग को लक्षित करके किया है। एशले जे टेलिस, स्‍ट्रैटेजिक अफेयर्स के लिए टाटा चेयर और कार्नेजी एडॉमेंट फार इंटरनेशनल पीस के वरिष्‍ठ साथी ने मंगलवार को कहा कि भारत का ASAT परीक्षण एक तरह से चीन के लिए ही था।  भारत को अंतरिक्ष प्रतियोगिता के लिए अब तैयार रहना होगा।
हालांकि, इस परीक्षण के बाद भारत ने दुनिया के समक्ष अपने रुख को साफ करते हुए कहा था हम एक लोकतांत्रिक देश है और अपनी जिम्‍मेदारियों को भलीभांति समझते हैं। भारत का कहना है कि उसके समस्‍त प्रयास आत्‍मरक्षा और विकास के लिए है। भारत के इस परीक्षण से किसी भी देश को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

बता दें कि 27 मार्च को भारत ने अपने ही एक उपग्रह को उसकी कक्षा में अंतरिक्ष मिसाइल से नष्‍ट कर दिया था। इसके सफल परीक्षण के साथ ही यह तकनीक विकसित करने वाला भारत दुनिया का चौथा मुल्‍क बन गया है। इसके पहले यह क्षमता अमेरिका, रूस और चीन के पास थी। विशेषज्ञों का दावा है कि निश्चित रूप से चीन ने अमेरिका के जवाब में अपनी स्‍पेश क्षमताओं काे विकसित किया है। लेकिन नई दिल्‍ली को अब इस चीनी कार्यक्रम से खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है। उन्‍होंने कहा कि भारत को बढ़ते चीनी खतरों के बावजूद अंतरिक्ष के उपयोग करने की अपनी क्षमता में सुधार करना चाहिए। इसके साथ ही अंतरिक्ष की सुरक्षा और नागरिक उपयोग की प्रतिबद्धता को बनाए रखना होगा। 

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