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अमेरिका खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी बोले- अमेरिका के निकलने से जिहादियों का बढ़ेगा हौसला

अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआइए के पूर्व कार्यवाहक निदेशक माइकल मोरेल (CIA Director Michael Morell) ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की जल्दबाजी में निकलने और तालिबान की जीत से निश्चित रूप से जिहादियों का हौसला बढ़ेगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 07:18 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:18 AM (IST)
अमेरिका खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी बोले- अमेरिका के निकलने से जिहादियों का बढ़ेगा हौसला
माइकल मोरेल ने कहा कि तालिबान की जीत पूरी दुनिया में जिहादियों को प्रेरित कर रही है।

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआइए के पूर्व कार्यवाहक निदेशक माइकल मोरेल (CIA Director Michael Morell) ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की जल्दबाजी में निकलने और तालिबान की जीत से निश्चित रूप से जिहादियों का हौसला बढ़ेगा।

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सीबीएस के साथ बातचीत में मोरेल ने कहा, 'मुझे लगता है कि अफगानिस्तान में तालिबान युद्ध जीत रहा है और फिर जिस तरह से हमारा निकासी हुआ है, उसने पूरी दुनिया में जिहादियों को प्रेरित किया है।' उन्होंने आगे कहा, 'तालिबान कह रहा है, हमने सिर्फ अमेरिका को ही नहीं हराया है, हमने नाटो को भी पराजित किया है। हमने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना को हराया है। इसलिए जश्न जारी है।'

पिछले रविवार को एक शीर्ष अमेरिकी जनरल ने कहा था कि तालिबान के हमले के सामने अफगान सेना का पतन बहुत तेजी से हुआ। अफगानिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। ज्वाइंट चीफ्स आफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा, 'अफगान सेना का पतन बहुत तेज गति से हुआ, जो सभी के लिए बहुत अप्रत्याशित था।' मिले ने आगे चेतावनी दी कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भविष्य में अफगानिस्तान में भ गृहयुद्ध की स्थिति विकसित हो सकती है।

अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के लिए बाइडन प्रशासन की आलोचना करते हुए, एक शीर्ष रूसी सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन द्वारा स्थापित प्रणाली उनके समर्थन के बिना जीवित नहीं रह सकती और अमेरिकी सैन्य निर्माण प्रयास उनके बाहर निकलने के बाद धूल में बदल गए। रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि अमेरिका पहले से स्थापित अफगान शासन को सैन्य सहायता प्रदान करने के प्रयास में विफल रहा।

मेदवेदेव ने एक समाचार एजेंसी के हवाले से कहा, 'पेंटागन ने अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित किया और उन्हें सशस्त्र बनाया। हालांकि, हाल के महीनों के घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे अमेरिकी समर्थन के बिना अस्तित्व में नहीं थे।'


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