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US Election 2020: ट्रंप ने अमेरिका का चेहरा बदल कर रख दिया, भारी पड़ सकती है जो बिडेन की छवि

US Election 2020 बाहरी दुनिया में अमेरिका की पहचान अब पहले जैसी नहीं रही है। श्वेत-अश्वेत की खाई में सबको साथ लेकर चलने वाले नेता बन कर उभर रहे जो बिडेन।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 05:37 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 05:40 PM (IST)
US Election 2020: ट्रंप ने अमेरिका का चेहरा बदल कर रख दिया, भारी पड़ सकती है जो बिडेन की छवि
US Election 2020: ट्रंप ने अमेरिका का चेहरा बदल कर रख दिया, भारी पड़ सकती है जो बिडेन की छवि

न्यूयार्क टाइम्स, न्यूज सर्विस। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने चार साल के कार्यकाल में अमेरिका को कई साल पीछे धकेल चुके हैं। अब बाहरी दुनिया में अमेरिका की पहचान एक ऐसे देश के रूप में नहीं रह गई है, जहां किसी भी देश का व्यक्ति अपने सपनों को पूरा करने के लिए आ सकता है और अपनी जड़ें जमा सकता है।

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दूसरे देशों में तैनात अमेरिकी राजनयिकों में अधिकांश श्वेत अधिकारी हैं। चाहे वे विदेश मंत्री माइक पांपियो हों, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर, अटॉर्नी जनरल विलियम बार या ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन। कभी चेकोस्लोवाकिया में जन्मी मेडलिन के अलब्राइट अमेरिका की विदेश मंत्री हुआ करती थी। उनका परिवार 1948 में वहां से अमेरिका के एलिस आइलैंड पहुंचा था। यही नहीं, कॉलिन एल पावेल 2001-05 तक अमेरिका के विदेश मंत्री रहने से पहले चार स्टार जनरल हुआ करते थे। वे जमैका मूल के हैं।

जॉर्ज बुश के समय में विदेश मंत्री रही कोंडोलिजा राइस भी अश्वेत ही हैं। जब उनकी जगह हिलेरी क्लिंटन विदेश मंत्री बनी तो अमेरिकी विदेश विभाग में लोग मजाक में कहने लगे थे कि अब यह पद महिलाओं के लिए आरक्षित हो गया है, जिस पर कभी श्वेत पुरुषों का एकाधिकार हुआ करता था।

बहरहाल, पिछले चार साल में ट्रंप ने अमेरिका की इस छवि को बदल कर रख दिया है। पिछले महीने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में एक के बाद एक वक्ताओं ने ट्रंप प्रशासन की समावेशी नीतियों की तारीफों के पुल बांध दिए, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। ट्रंप प्रशासन ने हालांकि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर केली क्राफ्ट के रूप में एक महिला की नियुक्ति की है। इसलिए कह सकते हैं कि यह नारी सशक्तीकरण है, लेकिन उन्होंने जिन निकी हेली को हटा कर क्राफ्ट को नियुक्त किया, वह भारतीय मूल की हैं।

दूसरी तरफ जो बिडेन हैं जो अपनी छवि सबको साथ लेकर चलने वाले नेता की बना रहे हैं, जो अमेरिका की पहचान है। यही वजह है कि उन्होंने भारतीय मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना है। अगर बिडेन जीत जाते हैं तो उन्हें प्रशासन में भेदभाव पैदा करने वाली ट्रंप की कई गलतियों को ठीक करना होगा। अमेरिकी सरकार के एकाउंटिबिलिटी ऑफिस के अनुसार 2018 में विदेश विभाग में महिलाओं और अश्वेतों की नौकरी छोड़ने की दर में तेजी आई है। ट्रंप प्रशासन में उनके प्रमोशन की संभावनाएं कम हो रही हैं।

अफ्रीकी यूनियन के पूर्व अमेरिकी राजदूत रूबेन ई ब्रिगेटी द्वितीय कहते हैं, `हमारे कट्टर विरोधी भी समझते हैं कि अमेरिका की ताकत उसकी विविधता है। लेकिन जब आपकी राजनयिक टीम में न तो ऐसे लोग हैं जो अमेरिका का प्रतिनिधित्व करते हैं और न ही वे अमेरिका की वास्तविकता को सच्चाई से बयान करने की काबिलियत रखते हैं तो ऐसे में अमेरिका की छवि को विदेश में धक्का लगता है।`


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