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ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव में धोखाधड़ी के दावों को दोहराया, कहा- चुनावों में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए लड़ रहा

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 में धोखाधड़ी के दावों के दौहराते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे इस और आने वाले चुनाव के प्रति अमेरिकियों की आस्था बनाए रखने के लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि संवैधानिक पक्रिया जारी रखना होगा।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 10:21 AM (IST)
ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव में धोखाधड़ी के दावों को दोहराया, कहा- चुनावों में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए लड़ रहा
अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन।

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 में धोखाधड़ी के दावों को दोहराते हुए, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनकी लड़ाई यह सुनिश्चित करने के लिए है कि अमेरिकियों को इस और भविष्य के चुनावों में विश्वास बना रहे। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद के दिनों में, विजेता घोषित करने की तेजी दिखाई गई, जबकि कई प्रमुख राज्यों में अभी भी गिनती जारी थी। संवैधानिक प्रक्रिया जारी रखना होगा। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर कानूनी मतपत्र को गिना जाए और कोई अवैध मतपत्र न गिना जाए। उन्होंने यह बात मंगलवार को व्हाइट हाउस क्रिसमस पार्टी में अपने समर्थकों से कही।

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डेमोक्रेटिक पार्टी नेता जो बाइडेन को राष्ट्रपति चुनाव जीत मिली है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते सत्ता परिवर्तन की आधिकारिक शुरुआत की अनुमति दी थी, लेकिन अभी तक हार नहीं मानी है। हालांकि, चुनाव अधिकारियों ने बाइडेन को विजेता घोषित कर दिया है। बाइडेन के खाते में 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट है और ट्रंप के 232 वोट है। ट्रंप ने आगे कहा, यह केवल 74 मिलियन अमेरिकियों के वोटों का सम्मान करने की बात नहीं, जिन्होंने मुझे वोट दिया। मुद्दा यह भी है कि यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिकी इस चुनाव में और  भविष्य के सभी चुनावों में विश्वास कर बनाए रख सकते हैं। 

इतने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और दुरुपयोग पहले कभी नहीं हुआ

ट्रंप ने आरोप लगाया कि 'भ्रष्ट मेल-इन बैलेटिंग स्कीम' ने मतों को बदलने की अनुमति दी, खासकर स्विंग स्टेट्स में, जिसे डेमोक्रेट्स को जीतना जरूरी था। मतदान में इतने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा गया था। कोरोना महामारी के बहाने डेमोक्रेट राजनेताओं और जजों ने चुनाव की प्रक्रियाओं को काफी बदल दिया। कई जगह उन्होंने ऐसा सिर्फ महीनेभर में किया और कुछ जगहों पर उन्होंने ऐसा चुनाव से एक सप्ताह पहले किया। उन्होंने आगे कहा कि जो कुछ भी हुआ वह संवैधानिक और कानून तौर पर बिलकुल गलत है।


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