एच-1बी वीजाधारकों के वेतन पर बाइडन प्रशासन ने मांगी राय, लोगों को दिया साठ दिन का समय
अमेरिकी प्रशासन ने एच-1बी वीजा (H1B Visa) धारकों के वेतन के स्तर को तय करने के लिए आप्रवासियों और गैर-आप्रवासियों दोनों से ही राय मांगी है। श्रम मंत्रालय ने इसके लिए लोगों को साठ दिन का समय दिया है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी प्रशासन ने एच-1बी वीजाधारकों के वेतन के स्तर को तय करने के लिए आप्रवासियों और गैर-आप्रवासियों दोनों से ही राय मांगी है। श्रम मंत्रालय ने इसके लिए लोगों को साठ दिन का समय दिया है। इस श्रेणी के वीजा पर भारतीय पेशेवर लोग भी अमेरिका में काम कर रहे हैं। इस वीजा पर अमेरिकी कंपनियां विदेशी पेशेवर लोगों को अपने यहां काम पर रखती हैं। एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रहने वालों में ज्यादातर लोग भारत और चीन के हैं।
अब अमेरिकी सरकार आप्रवासी और गैर-आप्रवासी दोनों के ही वेतन स्तर को तय करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। वेतन का स्तर तय करने की प्रक्रिया में थोड़ा सा विलंब हुआ है। कानून बन जाने के बाद नियोक्ता पर विदेशी कामगारों को एच-1बी, एच-1बी1 और ई-3 वीजा धारकों को अपने अपने यहां रखने पर असर पड़ेगा। ई-3 वीजा आस्ट्रेलिया के लोगों को दिया जाता है। एच-1बी1 वीजा पर सिंगापुर और चिली के लोग आते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में एच1बी सहित विदेशी कामगारों के लिए जारी होने वाले वीजा पर लगाई गई रोक खत्म हो गई है। इस कदम से लाखों भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स को फायदा होने की उम्मीद है। दरअसल, ट्रंप ने इस तरह के वीजा पर 31 मार्च तक रोक लगाई थी, लेकिन बाइडन सरकार ने इसे आगे बढ़ाने की कोई अधिसूचना जारी नहीं की। इससे पूर्ववर्ती सरकार का आदेश निष्प्रभावी हो गया।
मालूम हो कि लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच ट्रंप ने पिछले वर्ष जून में एच1बी सहित विदेशी कामगारों के लिए जारी होने वीजा पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी थी। ट्रंप ने तर्क दिया था कि अगर विदेशी श्रमिकों को देश में आने की अनुमति दी जाती है तो घरेलू कामगारों को नुकसान होगा। राष्ट्रपति जो बाइडन ने वीजा प्रतिबंध जारी रहने के पक्ष में किसी प्रकार की अधिसूचना जारी नहीं की। पूर्व में उन्होंने एच1बी वीजा पर प्रतिबंध हटाने का वादा किया था।