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अमेरिका और चीन के रिश्तों में नरमी के आसार नहीं, ट्रंप की सख्त बीजिंग नीति को ही आगे बढ़ा रहे बाइडन

राष्ट्रपति बाइडन ने शिनजियांग तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर व्यापक रूप से चिंता जताई जबकिराष्ट्रपति शी ने अपनी ओर से ताइवान को अमेरिकी समर्थन और दुनिया में बनाने वाले विभिन्न देशों के गठबंधनों और समूहों का मुद्दा उठाया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 10:00 AM (IST)
अमेरिका और चीन के रिश्तों में नरमी के आसार नहीं, ट्रंप की सख्त बीजिंग नीति को ही आगे बढ़ा रहे बाइडन
बाइडेन प्रशासन चीन को अधिक जोखिम भरे प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखता है: रिपोर्ट

बीजिंग, एएनआइ। अमेरिका और चीन के बीच तनाव के कम होने के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन प्रशासन भी डोनाल्ड ट्रम्प की सख्त बीजिंग नीति को आगे बढ़ा रहा है और इस एशियाई देश के साथ आमने-सामने की प्रतियोगिता में खड़ा हो गया है।

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हांग कांग पोस्ट ने एक रिपोर्ट में कहा है कि बाइडन प्रशासन चीन को वैश्विक प्रतिद्वंद्वी की तुलना में अधिक जोखिम वाले प्रतियोगी के रूप में देख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग पिछले हफ्ते एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। दोनों नेताओं के बीच मंगलवार को साढ़े तीन घंटे तक मुलाकात हुई। बैठक के दौरीन बाइडन ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन और बीजिंग की व्यापार नीति के बारे में बात की।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर व्यापक रूप से चिंता जताई। वहीं, राष्ट्रपति शी ने अपनी ओर से ताइवान को अमेरिकी समर्थन और दुनिया में बनाने वाले विभिन्न देशों के गठबंधनों और समूहों का मुद्दा उठाया। दरअसल, चीन का यह इशारा क्वाड को लेकर था, जिसमें भारत, आस्ट्रेलिया, यूके और यूएसन शामिल है।

माना जा रहा है कि जैसे जैसे अमेरिका में मध्यावधि चुनाव निकट आ रहे हैं, आने वाले महीनों में जो बाइडन चीन पर और अधिक सख्ती बरत सकते हैं। रिपोर्ट ने कहा गया है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ मित्र होने का दिखावा करना बंद कर दिया था और उसके साथ एक व्यापार युद्ध शुरू कर दिया था, जिसे बाइडन प्रशासन आगे ले जा रहा है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि डोनाल्ट ट्रंप और जो बाइडन ने चीन पर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। अगर बाइडन ने कोई संकेत दिया, तो यह है कि अमेरिका चीन को दूर के वैश्विक प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले एक जोखिम भरे प्रतियोगी के रूप में देखता है।


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