अमेरिका ने खारिज किया दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा, म्यांमार के मुद्दे पर आसियान से कहा- करें कार्रवाई
अमेरिका ने चीन के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उसने दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताया था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आसियान से कहा है कि वो म्यांमार के हालातों पर काबू पाने के लिए कार्रवाई करें।
हनोई (रायटर)। अमेरिका ने एक बार फिर से दक्षिण चीन सागर पर चीन के कब्जे का दावा खारिज कर दिया है। अमेरिका ने इसको पूरी तरह से गैर कानूनी बताया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने साफ कहा है कि वो इस मुद्दे पर उन दक्षिण एशियाई देशों के साथ हैं, जो चीन की जबरदस्ती के खिलाफ हैं। एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट नेशंस (आसियान) सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक वर्चुअल बैठक के दौरान उन्होंने ये बात कही है।
ब्लिंकन ने ये भी कहा है कि म्यांमार के खराब होते हालात को लेकर अमेरिका काफी चिंतित है। अमेरिका ने इस बैठक के दौरान आसियान देशों से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि म्यांमार में फैली हिंसा को रोकने और वहां पर दोबारा लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी देशों को काम करना चाहिए।
अमेरिका में जो बाइडन की सरकार आने के बाद से आसियान सदस्य देशों के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री की ये पहली बैठक थी। इस बैठक में ब्लिंकन की मौजूदगी इसलिए भी खास थी, क्योंकि माना जा रहा था कि अमेरिका ने इस क्षेत्र से पूरी तरफ से मुंह फेर लिया है और वो इस तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। कूटनीतिक स्तर पर चीन की बढ़ती ताकत और अमेरका की बेरुखी जैसे विचारों को बल मिल रहा था। आपको बता दें कि म्यांमार में फरवरी में हुए तख्तापलट के बाद से ही आसियान यहां पर अपने प्रभाव के जरिए हालात को सही करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।
आसियान की तरफ से म्यांमार के सैन्य शासन के समक्ष रखे गए पांच बिंदुओं पर आगे बढ़ने को लेकर भी अब उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है। इसमें आसियान की तरफ हिंसा को बंद करने और विशेष राजदूत से शांति बहाली के लिए बातचीत करने को भी कहा गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि ब्लिंकन ने आसियान संगठन से म्यांमार में शांति के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष राजदूत की नियुक्ति करने की अपील की है। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री ने तख्तापलट के बाद हिरासत में रखे गए सभी राजनीतिक बंदियों की भी तुरंत रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश में हर हाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल होनी चाहिए।
अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर इससे जुड़े अन्य सदस्य देशों से भी बात की है। गौरतलब है कि चीन दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिंस्से पर अपना दावा करता आया है। इसमें नाइन डैश लाइन भी शामिल है जो वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनई, इंडोनेशिया, फिलीपींस के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में आता है। आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर से पूरी दुनिया में करीब खरबों डॉलर का व्यापार हर वर्ष होता है। इसके अलावा ये प्राकृतिक रूप से भी काफी संपन्न है। दक्षिण चीन सागर के अलावा मेकोंग नदी भी अमेरिका और चीन के बीच एक विवाद का मुद्दा बनती जा रही है।