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चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल से बढ़ेगा तनाव, अमेरिका ने फटकारा

दक्षिण कोरिया और अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया का मिसाइल प्रोग्राम सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने यहां तक कहा कि चीन जिस हाइपरसोनिक मिसाइल की तरफ आगे बढ़ रहा है कि उससे इस क्षेत्र में तनाव ही बढ़ेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 04:40 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:02 AM (IST)
चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल से बढ़ेगा तनाव, अमेरिका ने फटकारा
चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल से बढ़ेगा तनाव, अमेरिका ने फटकारा

सियोल, एपी। अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन (lyod Austin) ने कहा है कि चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल से पूरे इलाके में तनाव में इजाफा होगा। उन्होंने ये बयान दक्षिण कोरिया (South Korea) के रक्षा मंत्री सुह वूक के साथ हुई सालाना सुरक्षा वार्ता के मौके पर दिया है। ये सुरक्षा वार्ता चीन और उत्तर कोरिया समेत दूसरे विषयों पर आधारित थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन द्वारा लगातार सैन्य क्षमता में इजाफा किए जाने से अमेरिका चिंतित है। इस सुरक्षा वार्ता में उत्तर कोरिया के रवैये पर भी नाराजगी जताई गई।

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दक्षिण कोरिया और अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया का मिसाइल प्रोग्राम भी इस पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने यहां तक कहा कि चीन जिस हाइपरसोनिक मिसाइल की तरफ आगे बढ़ रहा है कि उससे इस क्षेत्र में तनाव ही बढ़ेगा। चीन ने इस वर्ष जुलाई में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया था। आस्टिन ने बताया कि चीन जिस तरह से अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है कि उससे अमेरिका की रक्षा रणनीति पर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है। इस सुरक्षा वार्ता में आस्टिन ने ये भी साफ कर दिया कि अमेरिका अपनी और अपने करीबी देशों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उसमें इसकी काबलियत भी है।

चीन ने इसी साल जुलाई में जिस हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया था उसको लेकर भी उसकी कड़ी आलोचना की गई थी। अमेरिका समेत कई दूसरे बड़े देशों ने इसको गलत करार दिया था। हाइपरसोनिक मिसाइल पांच मैक की गति या यूं कहें आवाज की गति से करीब पांच गुना रफ्तार से चलती है। हालांकि चीन का कहना था कि ये पुराने अंतरिक्ष यान को फिर से इस्तेमाल करने से संबंधित टेस्ट था।

दक्षिण कोरिया के साथ सुरक्षा को लेकर होने वाली सालाना चर्चा में हिस्सा लेने के लिए आस्टिन सियोल पहुंचे थे। इस दौरान दोनों देशों में दक्षिण कोरिया के दो पड़ोसी मुल्कों चीन और उत्तर कोरिया के कारण पैदा हुई चिंताओं पर चर्चा हुई। चीन और उत्तर कोरिया दोनों ही अधिक ताक़तवर हथियार बनाने की कोशिश में हैं।


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