UK PM Race: अमेरिका स्थित भारतीय संगठन ने Rishi Sunak को वोट देने के लिए मांगा समर्थन
UK PM Race रिपब्लिकन हिंदू कालिसन (आरएचसी)2015 में अस्तित्व में आया था। यह संगठन हिंदू-अमेरिकी समुदाय और रिपब्लिकन नीति निर्माताओं और नेताओं के बीच सेतु के रूप में कार्य करता है। इसने सुनक का अगले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन किया है।
वाशिंगटन, एजेंसी। हिंदू-अमेरिकी समुदाय के हितों की रक्षा करने वाले अमेरिका स्थित एक भारतीय संगठन ने सोमवार को ब्रिटेन के पूर्व चांसलर ऋषि सुनकके ब्रिटेन का पहला भारतीय मूल का प्रधानमंत्री बनने का समर्थन किया। कंजरवेटिव पार्टी के नए नेता की दौड़ में सुनक के अलावा विदेश सचिव लिज ट्रस शामिल हैं। चुने गए नए नेता ही अगले महीने की शुरुआत में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे। सोमवार को सुनकऔर ट्रस ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई से निपटने के अपने प्रस्तावों पर आपस में भिड़ गए थे।
रिपब्लिकन हिंदू कालिसन (आरएचसी)2015 में अस्तित्व में आया था। यह संगठन हिंदू-अमेरिकी समुदाय और रिपब्लिकन नीति निर्माताओं और नेताओं के बीच सेतु के रूप में कार्य करता है। इसने सुनकका अगले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन किया है क्योंकि वह उनके मूल्य और सिद्धांत को गले लगाते हैं।
आरएचसी ने कहा कि हम सुनक का समर्थन सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह एक हिंदू हैं, बल्कि इस लिए कर रहे हैं कि सुनक रिपब्लिकन हिंदू कालिसन की तरह हमारे मूल मूल्यों और इसके संस्थापक सिद्धांतों को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं।
दोनों फोर एफ-सीमित छोटी सरकार के साथ मुफ्त उद्यम, राजकोषीय अनुशासन, पारिवारिक मूल्य और दृढ़ विदेश नीति पर विश्वास करते हैं। संगठन सुनक के समर्थन में कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों से वोट देने का आग्रह कर रहा है जोकि इस महीने के दौरान डाक और आनलाइन मतपत्रों से मतदान करेंगे।
संगठन के संस्थापक चैयरमैन और सीईओ शलभ कुमार ने कहा कि सुनक को मेरा और आरएचसी का पूरा समर्थन है। यूके के नए प्रधानमंत्री के रूप में सुनकको असाधारण सफलता प्राप्त होगी। सुनकन केवल यूके के लिए बल्कि उसके रणनीतिक सहयोगियों अमेरिका और भारत के लिए भी फायदेमंद रहेंगे।
ट्रस अभी भी कर कटौती की पक्षधर समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जानसन की जगह लेने की दौड़ में आगे चल रहीं लिज ट्रस ने कहा कि वह अभी भी अर्थव्यवस्था को विकसित करने के बजाय कर कटौती का समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाने में विश्वास नहीं करती हैं। ब्रिटेन अभूतपूर्व महंगाई की मार झेल रहा है। जीवनयापन बेहद मुश्किल हो गया है।