पाक को FATF के साथ काम करने की अमेरिका ने दी सलाह, कहा- पहली कार्ययोजना में है प्रगति
FATF ने पाकिस्तान को पिछले माह हुए बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में असफल करार देते हुए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का ऐलान किया था। बता दें कि जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया था।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वो FATF के साथ काम करने की प्रक्रिया को जारी रखे ताकि उसका 27 सूत्रीय एक्शन प्लान पूरा हो सके। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान ने FATF की अपनी पहली कार्य योजना के 27 में से 26 कार्यों पर महत्वपूर्ण प्रगति की है। अमेरिका ने पाकिस्तान से आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी संगठनों के सरगना और कमांडरों के खिलाफ मुकदमा चलाकर शेष कार्य भी तेजी से पूरे करने की अपील की।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को कहा, 'हम पाकिस्तान के उन दायित्वों को पूरा करने के निरंतर प्रयास का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान ने अपनी पहली कार्य योजना पर महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें 27 में से 26 पर उसने बड़े पैमाने पर काम किया है।' उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान से FATF और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करते हुए आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों के सरगना तथा कमांडरों के खिलाफ मुकदमा चला बाकी कार्य भी तेजी से पूरे करने की अपील करते हैं।' प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान को अपनी नई दूसरी कार्य योजना पर तेजी से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
FATF ने पाकिस्तान में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकियों के खिलाफ जांच करने और मुकदमा चलाने को भी कहा था। विश्व संस्था ने पाकिस्तान से धन शोधन और आतंकवाद वित्त पोषण के मामलों से भी रणनीतिक रूप से निपटने को कहा था। FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में डाला था और अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्य योजना दी थी। तब से देश एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल रहने के कारण इस सूची में बना हुआ है। FATF ने पाकिस्तान को पिछले माह हुए बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में असफल करार देते हुए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का ऐलान किया था।
बता दें कि जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया था। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर 2019 तक कदम उठाने के लिए एक कार्ययोजना सौंपी थी। लेकिन एफएटीएफ के निर्देशों को लागू नहीं करने के कारण पाकिस्तान अभी भी उसी ग्रे लिस्ट में बरकरार है। इससे पाकिस्तान को काफी नुकसान हो रहा है। आइएमएफ, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद मिलने में पाकिस्तान को कठिनाई हो रही है।