अमेरिकी संसद में राष्ट्रपति ट्रंप को तगड़ा झटका, यमन से वापस बुलानी होगी सेना
अमेरिकी संसद ने सऊदी अरब के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संबंधों को झटका देते हुए यमन में युद्ध के लिए सऊदी अरब को दी जा रही मदद खत्म करने के पक्ष में मतदान किया है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। अमेरिकी संसद ने सऊदी अरब के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संबंधों को झटका देते हुए यमन में युद्ध के लिए सऊदी अरब को दी जा रही मदद खत्म करने के पक्ष में मतदान किया है। वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद भी सऊदी के प्रति ट्रंप की नरमी से सांसदों में व्यापक रोष था।
248 वोटों से प्रस्ताव को मंजूरी
मतदान के दौरान 177 की तुलना में 248 वोटों से प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें यमन में चार साल से चल रहे संघर्ष की निंदा की गई। संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। 18 रिपब्लिकन सांसदों ने भी प्रस्ताव के पक्ष में डेमोक्रेट्स के साथ मतदान किया। हालांकि इस दौरान सऊदी अरब के साथ खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान के प्रस्ताव पर डेमोक्रेट्स ने नरमी दिखाई।
अब अमेरिकी सशस्त्र बलों को हटाना होगा
डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना ने कहा, 'सऊदी अरब को यह संदेश देने का वक्त आ गया है कि खशोगी के मामले में उसका व्यवहार और वहां हो रहा मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन अमेरिका की नीतियों के अनुरूप नहीं है।' सदन में प्रस्ताव लाने वालों में खन्ना ही सांसद हैं। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद ट्रंप को यमन से अमेरिकी सशस्त्र बलों को हटाना होगा।
वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं ट्रंप
ट्रंप इस मामले में अपने वीटो पावर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रंप के सामने इसलिए भी वीटो पावर इस्तेमाल करने की स्थिति बन रही है, क्योंकि सीरिया और अफगानिस्तान से सेना हटाने और नाटो से हाथ खींचने जैसे ट्रंप के कई फैसलों पर सभी रिपब्लिकन भी उनके साथ नहीं दिख रहे हैं।