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अमेरिका ने भारत को नौ करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी

डीएससीए ने कहा कि प्रस्तावित बिक्री दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेगी। इससे बड़े रक्षा साझेदार की सुरक्षा मजबूत होगी। भारत हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता शांति और आर्थिक प्रगति के लिए अहम ताकत रहने वाला है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 04:13 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 04:13 PM (IST)
अमेरिका ने भारत को नौ करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी
अमेरिका ने भारत को नौ करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने नौ करोड़ डॉलर (663 करोड़ रुपये से ज्यादा) मूल्य के सैन्य उपकरण और सी-130 सुपर हरक्यूलिस विमान के बेड़े को सेवाएं प्रदान करने के भारत के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। रक्षा विभाग की डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी (डीएससीए) ने कहा, 'यह प्रस्तावित बिक्री ना केवल अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगी बल्कि अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोगी करेगी। इससे बड़े रक्षा साझेदार की सुरक्षा मजबूत होगी।

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'संसद के लिए जारी की गई बिक्री अधिसूचना में डीएससीए ने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए अहम ताकत रहने वाला है। भारत द्वारा किए गए अनुरोधों में विमान में स्पेयर और मरम्मत से जुड़े सामान, एडवांस्ड रडार वार्निग रिसीवर शिपसेट, 10 लाइटवेट नाइट विजन बाइनोकुलर, 10 एन/एवीएस-9 नाइट विजन गोगल, जीपीएस, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर आदि हैं। इसकी कुल अनुमानित लागत नौ करोड़ डॉलर है।

पेंटागन ने कहा है कि प्रस्तावित बिक्री पहले खरीदे गए विमान का भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की चीजों की ढुलाई, स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता और क्षेत्रीय आपदा राहत संबंधी जरूरतों में पूरा करने में प्रभावी भूमिका निभाएगी। पेंटागन के अनुसार इस प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में बदलाव नहीं होगा। प्रमुख तौर पर यह उपकरण और सेवाएं लॉकहीड- मार्टिन उपलब्ध कराएगी। वर्ष 2016 में अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा साझेदार के तौर पर नामित किया था।


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