Move to Jagran APP

चीन के खिलाफ एकजुट हुए US और EU, ब्रसेल्स फोरम में भारत के पक्ष में उठी आवाज

चीन के खतरों से निपटने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ एक मंच साझा करेंगे। अमेरिका ने यूरोपीय संघ के साथ संवाद शुरू करने के लिए सहमति जताई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 12:22 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 02:30 PM (IST)
चीन के खिलाफ एकजुट हुए US और EU, ब्रसेल्स फोरम में भारत के पक्ष में उठी आवाज
चीन के खिलाफ एकजुट हुए US और EU, ब्रसेल्स फोरम में भारत के पक्ष में उठी आवाज

वाशिंगटन, एजेंसी। चीन की कम्‍युनिष्‍ट पार्टी के खतरों से निपटने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ एक मंच साझा करेंगे। अमेरिका ने यूरोपीय संघ के साथ संवाद शुरू करने के लिए सहमति जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ब्रसेल्स फोरम के दौरान जर्मन मार्शल फंड के साथ एक चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की। ब्रसेल्स फोरम में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत के पक्ष में आवाज उठाई। उन्‍होंने चीन की आक्रामकता से दुनिया को सावधान किया। पोम्पिओ ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि मैं अमेरिका की इस घोषणा से उत्‍साहित हूं। उन्‍होंने कहा अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन पर एक संवाद शुरू कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि चीनी कम्‍युनिष्‍ट पार्टी से हमारे सामान्‍य मूल्‍यों और जीवन पद्धति का खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है।

loksabha election banner

ब्रसेल्स फोरम के दौरान पोम्पिओ ने बार-बार चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के खतरे का उल्लेख किया और भारत के साथ घातक सीमा टकराव सहित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के उत्तेजक सैन्य कार्यों का उल्लेख किया। पोम्पिओ ने कहा कि पोम्पेओ ने कहा कि सीसीपी का व्यवहार मूल रूप से अमेरिकी लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। उन्‍होंने जोर देकर कहा है कि इस खतरे को गंभीरता से लेने के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन दशकों में पहला है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका ने ईयू के साथ संवाद करने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी दे दी है। अमेरिका ने यूएस-ईयू संवाद बनाने के उच्च प्रतिनिधि बोरेल के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। पोम्पिओ ने कहा कि मैं इस नए खतरे के बारे में चर्चा करने के लिए एक नए तंत्र के बारे में उत्साहित हूं। पश्चिमी देशों ने हमारे साझा लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए जो चिंताएं हैं, उन पर चर्चा की है।

पिछले हफ्ते यूरोपीय संघ के मुख्य राजनयिक जोसप बोरेल ने चीन के खिलाफ एक आम ट्रान्साटलांटिक मोर्चे को बनाने के उद्देश्य से यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच वार्ता का आह्वान किया था। यूरोपीय संघ से जुड़े 27 देशों के विदेश मंत्रियों की अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ वार्ता के दौरान 15 जून को बोरेल ने कहा था कि दोनों पक्षों के साझा मूल्‍यों और रुचि की रक्षा करने के लिए यह बैठक अहम है। 

 

उधर, अमेरिका ने चीन के खिलाफ तेवर सख्‍त कर दिए हैं। अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम को मंजूरी दे दी, जो चीन ब्रिटिश संयुक्‍त घोषणा पत्र और हांगकांग के बुनियादी कानून की प्रतिबद्धताओं का अतिक्रमण करता है। अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब अमेरिका और तमाम यूरोपीय देशों के विरोध के बावजूद चीन ने संकेत दिया है कि वह 30 जून को इस कानून को अमलीजामा पहना देगा। चीन ने कहा था कि इस सप्‍ताह चीन की शीर्ष विधायी निकाय इस कानून को मंजूरी देगी। ऐसे में एक बार फ‍िर हांगकांग में राष्‍ट्रयी सुरक्षा कानून को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद गहरा गया है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.