Move to Jagran APP

ट्रंप का जर्मनी को झटका, 12 हजार सैनिक वापस बुलाए, अब रूस से मुकाबले के लिए होगी तैनाती

अमेरिका अब जर्मनी से 12 हजार को वापस बुलाएगा। रूस की चुनौती के मद्देनजर इनमें से छह हजार को यूरोप के ही किसी सैन्य ठिकाने पर तैनात किया जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 12:02 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 09:18 AM (IST)
ट्रंप का जर्मनी को झटका, 12 हजार सैनिक वापस बुलाए, अब रूस से मुकाबले के लिए होगी तैनाती
ट्रंप का जर्मनी को झटका, 12 हजार सैनिक वापस बुलाए, अब रूस से मुकाबले के लिए होगी तैनाती

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका जर्मनी में तैनात अपने सैनिकों की संख्या में से एक तिहाई कम करेगा। जर्मनी में इस समय कुल 36 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, उनमें से 12 हजार को वापस बुलाया जाएगा। लेकिन रूस की चुनौती के मद्देनजर इनमें से छह हजार को यूरोप के ही किसी सैन्य ठिकाने पर तैनात किया जाएगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जर्मनी से सैनिकों की एक तिहाई संख्या कम करने के संकेत जून में ही दे दिए थे।

loksabha election banner

माना जा रहा है कि अमेरिका ने यह कदम जर्मनी के नाटो सैन्य बजट के लिए निर्धारित खर्च न करने की वजह से उठाया है। नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के सदस्य के रूप में जर्मनी अमेरिका का नजदीकी सैन्य सहयोगी है। जर्मनी ने नाटो के बजट में पर्याप्त हिस्सा न देकर यह कहा कि अमेरिका इसके बदले द्विपक्षीय व्यापार में फायदा उठा लेता है, इसलिए जर्मनी उस नुकसान की भरपाई नाटो के लिए कम धन देकर करता है।

सैन्य बल में कटौती का फैसला लेने के बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप ने पत्रकारों कहा, हम नहीं चाहते कि कोई हमें और ज्यादा चूसे। जर्मनी से हम इसलिए सैनिक बुला रहे हैं, क्योंकि वह उनके खर्च का धन नहीं देता। यह बहुत सामान्य सी बात है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने दूसरे शब्दों में अपनी बात कही। उन्होंने कहा, रूस के खतरे से निपटने के लिए हम काला सागर में सैनिकों की संख्या बढ़ा रहे हैं।

कुछ सैनिक बाल्टिक सागर के नजदीकी ठिकाने पर भी तैनात किए जाएंगे। इतना ही नहीं अमेरिका अमेरिकी सेनाओं का यूरोपीय मुख्यालय भी जर्मनी से हटाकर बेल्जियम में बनाने जा रहा है। बीते दिनों चांसलर एंजेला मर्केल के सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव ब्लॉक के एक सदस्य पीटर बेयर ने देश से हजारों सैनिकों को हटाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की थी। उन्‍होंने कहा था कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.