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अमेरिका बोला, चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए क्वाड गठबंधन कारगर, जानें क्‍या है Quad

अमेरिका ने कहा है कि चीन की आक्रामकता की काट के लिए वह क्वाड देशों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक नई व्यवस्था विकसित कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:18 PM (IST)
अमेरिका बोला, चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए क्वाड गठबंधन कारगर, जानें क्‍या है Quad
अमेरिका बोला, चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए क्वाड गठबंधन कारगर, जानें क्‍या है Quad

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका ने कहा है कि हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) की अवधारणा ने भारत को बड़े समाधान में शामिल किया है। इतना ही नहीं ट्रंप प्रशासन क्वाड देशों जैसे समान विचार वाले साझेदारों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक नई व्यवस्था विकसित कर रहा है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के मुताबिक नवंबर 2017 में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए लंबे समय से लंबित क्वाड गठबंधन को आकार दिया। इसका उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र के समुद्री मार्गो को भी निर्विघ्न करना है।

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बता दें कि हिंद-प्रशांत एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, लेकिन ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं। पूर्वी एशिया और प्रशांत मामलों के ब्यूरो के सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने सीनेट की विदेश मामलों की समिति से कहा, 'आपने देखा है कि भारत इस संबंध में बहुत मजबूत है। हिंद-प्रशांत की अवधारणा ने भारत को बड़े समाधान में शामिल किया है।'

उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को मजबूत कर रहा है। साथ ही भागीदारों को उनकी संप्रभुता और समुद्री संसाधनों की रक्षा करने में मदद करता है। हमने प्रशांत द्वीप से जुड़े भागीदारों को सहायता दोगुनी कर दी है। हम समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए नई व्यवस्था विकसित कर रहे हैं। सितंबर 2013 में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान की पहली क्वाड मंत्रीस्तरीय बैठक हिंद-प्रशांत कूटनीतिक जुड़ाव में एक नया मील का पत्थर है। 


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