अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर UN ने जताई चिंता, कहा- तत्काल बिना शर्त हो संघर्षविराम
अमेरिकी सैनिकों की वापसी की संभावना तेज होने के साथ ही वहां तालिबान व अफगानिस्तानी सैनिकों के बीच कई शहरों में जंग जैसा माहौल है। संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर चिंता जताई और तत्काल बिना शर्त संघर्षविराम के प्रयासों में तेजी लाने का आह्वान किया।
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। अफगानिस्तान में इस समय हालात ठीक नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अफगानिस्तान के पड़ोसियों और उसके सहयोगी देशों से आग्रह किया कि वे युद्धग्रस्त देश में शांति और उसके समृद्ध भविष्य के लिए अपनी भूमिका निभाएं। इस बीच भारत ने एलान किया है कि अफगानिस्तान की जनता को मदद संबंधी उसकी जारी परियोजनाओं पर कोई असर नहीं होगा।
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में भारी हिंसा को लेकर गहरी चिंता जताई और तत्काल व बिना शर्त संघर्षविराम के लिए प्रयासों में तेजी लाने का भी आह्वान किया। अफगानिस्तान पर केंद्रित एक सम्मेलन को भेजे अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि शांति की दिशा में प्रगति होने से पूरे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी और लाखों विस्थापित अफगान नागरिकों की सुरक्षित, चरणबद्ध और गरिमामयी वापसी की दिशा में यह एक अहम कदम है।
गुतारेस ने कहा कि वह विकास और सुधारों के लिए अपने महत्वाकांक्षी एजेंडे को लेकर अफगानिस्तान सरकार की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं अफगानिस्तान के पड़ोसियों और सहयोगियों से आग्रह करता हूं कि वे सहयोग के इन अवसरों का लाभ उठाते हुए अफगानिस्तान के लिए एक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।' उन्होंने हाल में हुई भारी हिंसा, खासकर छात्रों और नागरिकों के खिलाफ, को लेकर गहरी चिंता जताई। बता दें कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी की संभावना तेज होने के साथ ही वहां तालिबान व अफगानिस्तानी सैनिकों के बीच कई शहरों में जंग जैसा माहौल है।
गौरतलब है कि भारत शुरुआत से अफगानिस्तान की दोस्तों की सूची में शामिल रहा है। भारत अभी तक अफगानिस्तान में तीन अरब डॉलर की परियोजनाओं को लगा चुका है। अफगान के सभी 34 प्रांतों में भारत की मदद से परियोजनाएं चल रही हैं। 65 हजार अफगानी छात्रों को भारत में शिक्षा दी जा रही है। इन संबंधों को और घनिष्ठ करने की दिशा में मोदी सरकार कई कदम उठा रही है।