बच्चों का फ्यूचर भी प्रभावित करेगा कोरोना, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में किया सनसनीखेज खुलासा
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी का सर्वाधिक असर बच्चों पर होगा। चार से छह करोड़ बच्चे भीषण गरीबी के जंजाल में फंस जाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। कोरोना वायरस जनित महामारी के चलते चार से छह करोड़ बच्चे भीषण गरीबी की गर्त में जा सकते हैं और उनमें से लाखों की मौत हो सकती है। यह स्थिति इसी साल बन सकती है। यह बात संयुक्त राष्ट्र ने कही है। वैश्विक संस्था की गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 का मुख्य निशाना बच्चे नहीं हैं लेकिन जो हालात बन रहे हैं उनमें बच्चे ही सबसे ज्यादा प्रभावित होने हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस से फैली महामारी से बच्चे तीन तरह से प्रभावित होंगे। पहला- वे परिजनों के संक्रमित होने का खामियाजा स्वास्थ्य के तौर पर भुगतेंगे। दूसरा- परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थितियां उन्हें प्रभावित करेंगी। तीसरा- विकास को लेकर निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति लंबे समय के लिए आगे बढ़ जाएगी, इसका असर कई वर्षों बाद दिखाई देगा। इस सबका नतीजा यह होगा कि करीब चार से छह करोड़ बच्चे भयंकर गरीबी वाले हालातों में घिर जाएंगे।
2019 में गरीबी के भयंकर हालात से 38 करोड़ से ज्यादा बच्चे प्रभावित थे। इसमें चार से छह करोड़ का इजाफा होगा। कोरोना वायरस के चलते दुनिया के 188 देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। इससे करीब 150 करोड़ बच्चों और युवाओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इससे उनकी शिक्षा और बाकी की गतिविधियां प्रभावित होने का अंदेशा है।
इससे पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना महामारी के चलते 37 देशों के करीब 12 करोड़ बच्चों को खसरे (मीजल्स) का टीका नहीं लग पाया है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने कहा था कि कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण दुनिया भर में लाखों बच्चे ऑनलाइन यौन उत्पीड़न (Online Physical Exploitation) का शिकार हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों के वर्चुअल प्लेटफार्मों पर अधिक समय बिताने को लेकर भी आगाह किया था और कहा था कि इससे इंटरनेट पर बच्चों को डराने, धमकाने के मामलों में भी इजाफा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि खसरे का सुरक्षित टीका मौजूद होने के बावजूद वर्ष 2018 में विश्वभर में इससे एक लाख 40 हजार से ज्यादा मौतें हुई थीं।