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दुनिया को खतरे में डाल रही परमाणु हथियारों की होड़, सदियों बाद पहली बार बिगड़े हालात: UN

संयुक्त राष्ट्र की निरस्त्रीकरण प्रमुख ने कहा कि परमाणु हथियारों की होड़ दुनिया के लिए बहुत खतरनाक साबित होगी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 04:21 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 04:21 PM (IST)
दुनिया को खतरे में डाल रही परमाणु हथियारों की होड़, सदियों बाद पहली बार बिगड़े हालात: UN
दुनिया को खतरे में डाल रही परमाणु हथियारों की होड़, सदियों बाद पहली बार बिगड़े हालात: UN

संयुक्त राष्ट्र, एपी। संयुक्त राष्ट्र की निरस्त्रीकरण प्रमुख इजुमी नाकामित्सु ने चेतावनी दी है कि नए सिरे से शुरू हुई परमाणु हथियारों की होड़ दुनिया के लिए बहुत खतरनाक साबित होगी। बीसवीं सदी के सातवें दशक में शीतयुद्ध के बाद पहली बार हालात काफी बिगड़ गए हैं। तब तत्कालीन सोवियत संघ और अमेरिका में परमाणु हथियारों की होड़ शुरू हो गई थी।

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इजुमी ने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा अमेरिका, रूस और चीन के लिए था। उन्होंने कहा, परमाणु शक्ति से संपन्न बड़े राष्ट्रों के आपसी संबंध पटरी से उतर चुके हैं। तथाकथित रूप से महाशक्तियां कहलाने वाले देशों में होड़ शुरू हो गई है। विभाजन, अविश्वास और संवादहीनता के कारण हालात बदतर हो गए हैं।

वर्ष 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया के अलग होने के बाद से रूस और अमेरिका के संबंध बहुत तनावपूर्ण हैं। पिछले वर्ष दोनों देशों ने परमाणु संधि से अलग होने की घोषणा कर दी थी। यह संधि 1987 में हुई थी। रणनीतिक परमाणु हथियारों की तैनाती को लेकर नई संधि पर भी दोनों देश कोई बात नहीं कर रहे जबकि पुरानी संधि 2021 की शुरुआत में खत्म हो जाएगी।

गत 11 फरवरी को अमेरिकी संसद में पेश किए गए बजट प्रस्ताव में अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण और इससे संबंधित व्यवस्था को सुधारने के लिए अरबों डॉलर का प्रावधान किया है। रूस के साथ ही अमेरिका, चीन को लेकर भी सतर्क है और अपना परमाणु जखीरा नए सिरे से तैयार करना चाहता है।

वहीं, पिछले साल दिसंबर में रूस के रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया था कि आवाज की गति से 27 गुना ज्यादा रफ्तार से उड़ने वाली नई परमाणु मिसाइल को तैनात कर दिया गया है। इजुमी ने चेतावनी दी कि नए हथियार बहुत घातक होंगे क्योंकि ये बहुत तेज, गुप्त और सटीक होंगे। इस वजह से क्षेत्रीय संघर्ष के समय हालात बहुत खराब होंगे।


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