Move to Jagran APP

म्यांमार से UN की अपील- रोहिंग्याओं की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास तेज करे सरकार

सुरक्षा परिषद ने कहा है कि रोहिंग्याओं को म्यांमार वापस बुलाने के लिए सरकार उनके लिए शर्तें तैयार करे, उनके लिए आर्थिक और सामाजिक विकास की बात करें।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 10:47 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 11:22 AM (IST)
म्यांमार से UN की अपील- रोहिंग्याओं की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास तेज करे सरकार
म्यांमार से UN की अपील- रोहिंग्याओं की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास तेज करे सरकार

संयुक्त राष्ट्र (एपी)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने म्यांमार की सरकार से आग्रह किया है कि बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की वापसी के लिए ऐसे प्रयास करें, ऐसी शर्तें बनाए कि वे वापस अपने देश आ जाएं। बता दें कि पिछले साल म्यांमार में बड़े स्तर पर हिंसा भड़कने के बाद अपनी सुरक्षा के लिए रोहिंग्या पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए थे।

loksabha election banner

कल जारी की गई एक रिपोर्ट पर जोर देते हुए परिषद ने कहा कि रोहिंग्या मामले में बांग्लादेश, विकास एजेंसियों और संयुक्त राष्ट्र के बीच हुए समझौते पर म्यांमार को भी तेजी से काम करने की जरुरत है। बता दें कि, रोहिंग्याओं को म्यांमार में आधिकारिक और सामाजिक स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, उनमें से कई नागरिकों को उनकी नागरिकता के साथ-साथ उनके बुनियादी अधिकारों से भी वंचित रखा जा रहा है, क्योंकि उन्हें बांग्लादेश के आप्रवासियों की तरह देखा जाता है। 

पिछले अगस्त में 7 लाख रोहिंग्याओं ने छोड़ा म्यांमार
पिछले साल अगस्त के महीने में रोहिंग्या विद्रोहियों ने सेना पर हमला कर दिया था जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में सेना ने उन पर हमला किया था। इस दौरान म्यांमार की सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन, दुष्कर्म, हत्या, प्रताड़ना और रोहिंग्याओं के घरों को जलाने के आरोप लगे थे। इस हिंसा में हजारों लोग मरे गए थे जबकि करीब 7 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए थे।

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी अधिकारियों ने सरकार के इस सैन्य अभियान को जातीय विद्रोह नाम दिया था। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने बार-बार इस पर जोर देकर कहा था कि इस मामले की पारदर्शितापूर्ण जांच बेहद महत्वपूर्ण है।

म्यांमार इस तरह की शर्तें करें तैयार-UN
म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के नए राजदूत बर्गनर ने कहा कि म्यांमार के नेता रोहिंग्याओं को रखाइन स्टेट में वापस लाना चाहते हैं लेकिन वहां ना सिर्फ सरकार और रोहिंग्याओं के बीच टकराव है बल्कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों और रखाइन के बाकी बुद्धिष्ठ के बीच भी टकराव की स्थिति है। इस पर परिषद ने कहा है कि उन्हें वापस बुलाने के लिए सरकार उनके लिए शर्तें तैयार करे, उनके लिए आर्थिक और सामाजिक विकास की बात करें। साथ ही उनके आत्म सम्मान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करें।

बर्गनर ने आगे कहा कि उन्होंने म्यांमार में कई जगहों का दौरा किया साथ ही स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि हमें यहां रह रहे समुदायों के रवैये पर बात करने की जरुरत है। सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र पर म्यांमार सरकार के ऊपर रोहिंग्या मामले को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाया है, लेकिन म्यांमार का करीबी सहयोगी चीन इस पर सहमत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन यह सुरक्षा परिषद के उपर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.