अमेरिका में नस्लवाद और पुलिस क्रूरता की जांच करेगा संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी देशों ने दिया था प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद अमेरिका में नस्लवाद पुलिस क्रूरता और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के मामले में चर्चा करेगी।
जेनेवा, एजेंसियां। अमेरिका में नस्लवाद, पुलिस क्रूरता और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के मामले में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद बुधवार को चर्चा करेगी। इस संबंध में अफ्रीकी देशों की तरफ से बुर्कीना फासो ने पिछले हफ्ते अनुरोध किया था, जिसके बाद परिषद ने यह निर्णय लिया। अमेरिका इस 47 सदस्यीय परिषद का सदस्य नहीं है। अपने विशिष्ट सहयोगी इजरायल के खिलाफ दुर्भावना से की गई कार्रवाई का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने दो साल पहले परिषद को अलविदा कह दिया था।
यह अकेली घटना नहीं
अफ्रीकी देशों द्वारा लिखे गए पत्र को परिषद ने सार्वजनिक किया है। पत्र में कहा गया है कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत एक अकेली घटना नहीं है। पूर्व में भी ऐसे बहुत से मामले हैं जब पुलिस ने निहत्थे अफ्रीकी लोगों को निशाना बनाया है। पुलिस हिरासत में फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवाद को लेकर पूरे विश्व में विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। इसी कड़ी में 600 मानवाधिकार समूहों और पीडि़तों के रिश्तेदारों ने पिछले सप्ताह विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। शुक्रवार को श्वेत अधिकारी द्वारा अश्वेत रेशर्ड ब्रुक्स की हत्या करने के बाद नस्लभेद विरोधी प्रदर्शन एक बार फिर तेज हो गए हैं।
ब्रिटेन में बनेगा नया आयोग
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में नस्लवाद और असमानता के सभी प्रकारों से निपटने के लिए नये आयोग के गठन की सोमवार को घोषणा की। दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ हो रहे ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनों की प्रतिक्रिया स्वरूप यह घोषणा की गई। जॉनसन ने कहा कि अमेरिका के मिनीपोलिस में पुलिस हिरासत में 46 वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद ब्रिटेन में पिछले कुछ हफ्तों में प्रदर्शनों में शामिल हुए हजारों लोगों को नजरअंदाज करना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने द डेली टेलीग्राफ में लिखा, 'इस देश की फिक्र करने वाला कोई भी व्यक्ति उन हजारों लोगों को नजरअंदाज नहीं कर सकता जो ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह कहने का कोई फायदा नहीं है कि नस्लवाद से निपटने में हमने बहुत प्रगति की है। हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है और हम करेंगे। अब समय है कि आयोग असमानता के सभी पहलुओं - रोजगार में, स्वास्थ्य में, अकादमिक क्षेत्र में और जीवन के सभी क्षेत्रों को देखे।
पुतिन बोले, आंतरिक संकट दिखा रहे प्रदर्शन
अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन देश में व्याप्त आंतरिक संकट को दर्शाते हैं। सरकारी समाचार एजेंसी तास को दिए एक साक्षात्कार में यह बात रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो कुछ हो रहा है वह कुछ घरेलू संकटों का प्रकटीकरण है। यह संकट तब से दिखाई दे रहे हैं जब मेरे समकक्ष राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कामकाज संभाला था। उनकी जीत पूरी तरह लोकतांत्रिक थी लेकिन हारने वाली पार्टी ने ऐसा माहौल बनाया, जिससे उनकी जीत की वैधता पर सवाल उठे। रूसी नेता ने कहा कि अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली की प्रमुख समस्या यह है कि वहां की पार्टियां अपने हितों को लोगों के हितों से ऊपर रखती हैं। उन्होंने कहा कि रूस ने हमेशा समान अधिकारों के लिए अश्वेत समुदाय के संघर्ष का समर्थन किया है, लेकिन हिंसक प्रदर्शनों के हम पूरी तरह खिलाफ हैं।
प्रदर्शन की अगुआई कर रही भारतीय मूल की महिला
अमेरिका में भारतीय अमेरिकी साफ्टवेयर इंजीनियर सिएटल में ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वालों में अग्रणी हैं। ये प्रदर्शन सिएटल मुख्य क्षेत्र जिसे अब कैपिटल हिल स्वशासी क्षेत्र कहा जा रहा है, वहां हो रहे हैं। प्रदर्शनस्थल से पुलिस को बाहर रखने के लिए प्रदर्शनकारी मोर्चाबंदी कर रहे हैं। सिएटल सिटी काउंसिलवुमन क्षमा सावंत इस क्षेत्र से पुलिस को बाहर रखने के लिए प्रदर्शनकारियों को उत्साहित कर रही हैं। महाराष्ट्र के पुणे में जन्मीं सावंत ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह छह ब्लॉक वाले इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत रखें, जिसे उन्होंने नो कॉप यानी पुलिस वर्जित क्षेत्र घोषित कर रखा है।
फ्लॉयड की बेटी के नाम पर खरीदे शेयर
- हॉलीवुड अभिनेता ब्रैड पिट ने नस्लभेद विरोधी अभियान के लिए 10 लाख डॉलर दान किए हैं।
- अमेरिका के नेशनल बुक क्रिटिक्स सर्किल के अध्यक्ष और पांच अन्य सदस्यों ने नस्लवाद और निजता का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया।
- हॉलीवुड अभिनेता और सिंगर बारबरा स्टिफ्रेयांड ने फ्लॉयड की बेटी के नाम पर डिज्नी के शेयर खरीदे हैं।
- रविवार को हुए नस्लभेद विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सैन फ्रांसिस्को-ओकलैड ब्रिज को दो घंटे तक बंद रखना पड़ा।
- पुलिस सुधारों को लेकर रविवार को न्यूयॉर्क में रविवार को भी जगह-जगह प्रदर्शन हएु।
- जर्मनी में नस्लभेद विरोधी प्रदर्शनों के दौरान लोगो ने मानव श्रृंखला बनाई।