ईरान के मामले में सुरक्षा परिषद में परास्त हुआ अमेरिका, रूस और चीन ने जमकर किया विरोध
रूस और चीन ने अमेरिका के प्रस्ताव का जमकर विरोध किया लेकिन दोनों को इस पर वीटो लगाने की जरूरत नहीं पड़ी।
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। अमेरिका का ईरान पर संशोधित प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहुमत के अभाव में गिर गया। ईरान में शस्त्राें पर प्रतिबंध लगाने के मामले में पक्ष और विपक्ष में दो-दो मत पड़े, जबकि 11 सदस्य देशों ने इसका विरोध करते हुए इसमें हिस्सा नहीं लिया। संशोधित मसौदा अंतिम रूप में गुरुवार को पेश किया गया और शुक्रवार को मतदान के लिए रखा गया था। इसके साथ ही ईरान के हथियारों के विस्तार पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी प्रयास को भी धक्का लगा है। इसके पूर्व मंगलवार को अमेरिका ने एक संशोधित प्रस्ताव वितरित किया था। अमेरिका ने इसके लिए 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से और अधिक समर्थन मांगा था। उस वक्त भी चीन और रूस ने इसका सख्त विरोध किया था।
15 सदस्यीय परिषद में अमेरिकी प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में दो-दो वोट पड़े। इसे प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए न्युनतम नौ मतों की जरूरत थी। 11 सदस्य देशों ने इसका विरोध करते हुए इसमें हिस्सा नहीं लिया। रूस और चीन ने अमेरिका के प्रस्ताव का जमकर विरोध किया, लेकिन दोनों को इस पर वीटो लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने परिषद की वर्चुअल बैठक में मतदान से पूर्व ही प्रस्ताव पर हार स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा कि इजराइल और खाड़ी के छह प्रमुख देशों ने इस विस्तार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि अगर ईरान की प्रतिबंधों की सीमा समाप्त हो जाती है तो वह और अधिक अराजक और विनाशकारी होगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव पर अनदेखी का आरोप लगाया। पाम्पिओ ने अपने एक बयान में कहा कि अमेरिका अपने दोंस्तों को कभी नहीं छोड़ेगा, जो सुरक्षा परिषद से अधिक उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हम अपना यह प्रयास जारी रखेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि एक आतंकी देश को हथियारों को खरीदने और बेचने की स्वतंत्रता नहीं हो। उन्होंने कहा कि इससे यूरोप और मध्य पूर्व के देशों को खतरा बढ़ गया है।
अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मामले में जर्मनी और ईरान के साथ सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के नेताओं की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रयासों पर रोक लगनी चाहिए। क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में पुतिन ने कहा कि यह मामला तत्काल महत्व का है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में टकराव से बचने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाना चाहिए। पुतिन ने कहा कि अगर नेता वार्ता के लिए मौलिक रूप से तैयार हो तो हम तुरंत एजेंडा समन्वय करने का प्रस्ताव रखते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य विकल्प तनाव के जाखिमों को बढ़ाता है। पुतिन ने कहा कि हमें इस तरह की स्थिति से सावधान होना चाहिए। इससे बचना चाहिए।