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पेरिस समझौता हुआ नाकाम, आने वाले पांच साल में बढ़ सकता है धरती का 1.5 डिग्री तापमान

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले पांच साल में दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 06:01 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 06:01 AM (IST)
पेरिस समझौता हुआ नाकाम, आने वाले पांच साल में बढ़ सकता है धरती का 1.5 डिग्री तापमान
पेरिस समझौता हुआ नाकाम, आने वाले पांच साल में बढ़ सकता है धरती का 1.5 डिग्री तापमान

संयुक्त राष्ट्र, एपी। दुनिया के नेताओं ने पांच साल पहले तापमान बढ़ने की जो सीमा तय की थी, दुनिया अब उसे पार करने के करीब है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की ताजा रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले पांच साल में दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है। यह पूर्व में इस अवधि में कभी भी बढ़े तापमान की तुलना में सबसे ज्यादा होगा। इससे पहले 2018 में संयुक्त राष्ट्र तापमान बढ़ने और इससे जुड़े खतरों पर दुनिया का ध्यान आकृष्ट कर चुका है।

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संयुक्त राष्ट्र, विश्व मौसम विज्ञान संगठन और अन्य संस्थाओं द्वारा तैयार ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2015 में पेरिस में हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का खास फायदा नहीं हुआ। इस साल के शुरू में डेथ वैली के नाम से जानी जाने वाली घाटी का तापमान 54.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा और दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में शुमार साइबेरिया का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा।

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की नोह डिफेनबाउ के अनुसार तापमान में यह बढ़ोत्तरी अप्रत्याशित है और यह इतिहास में उल्लेखित घटनाओं से ज्यादा बुरा अनुभव हमें दे सकती है। अमेरिका के पश्चिमी भाग और कैलिफोर्निया में हाल के महीनों में बढ़ा तापमान भविष्य के बुरे अनुभवों की ओर इशारा कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया 19 वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों की तुलना में 1.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म हो चुकी है। आखिरी पांच साल अपने पूर्व के पांच सालों से ज्यादा गर्म रहे हैं।

बीते पांच साल में बढ़े तापमान के लिए मानव और प्रकृति बराबर के जिम्मेदार रहे हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव पैट्री तलास के अनुसार खतरा हर साल 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने का भी है। क्योंकि मनुष्यों के कार्यो से प्रकृति अपना स्वरूप बदल रही है। अब वह तापमान बढ़ाने में बराबर की भूमिका अदा कर रही है। ऐसे में तापमान में वृद्धि को दो गुनी रफ्तार मिल सकती है।


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